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एयरपोर्ट तक भी नहीं पहुंच पा रहे अफगान नागरिक, तालिबान बोला- नहीं छोड़ने देंगे देश

एयरपोर्ट तक भी नहीं पहुंच पा रहे अफगान नागरिक, तालिबान बोला- नहीं छोड़ने देंगे देश

Updated on: 25 Aug 2021, 11:49 AM

highlights

  • तालिबान ने अमेरिका को दी 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की चेतावनी
  • अमेरिका के कई नागरिक अभी भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं
  • 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए हमले के 20 साल हो रहे हैं पूरे

काबुल:

अफगानिस्तान (Afghanistan) में डर के माहौल के बीच देश छोड़ रहे लोगों के बाद ताबिलान (Taliban) ने काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर पहरा बढ़ा दिया है. एयरपोर्ट जाने के सभी रास्तों पर तालिबानी लड़ाके मौजूद हैं. अफगान नागरिकों को एयरपोर्ट तक भी नहीं पहुंचने दिया जा रहा है. ताबिलान ने साफ कह दिया है कि किसी भी अफगानिस्तान के नागरिक को देश नहीं छोड़ने देंगे. एयरपोर्ट तक जाने वाली सड़कें ब्लॉक कर दी हैं. सिर्फ विदेशी नागरिकों को ही उस सड़क से एयरपोर्ट तक जाने की इजाजत दी जा रही है.  

दूसरी तरफ अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाल लेगा. वहीं तालिबान ने भी अमेरिका को चेतावनी दे दी है कि वह इस डेडलाइन से एक दिन भी ज्यादा अफगानिस्तान में ना रुके. ऐसे में सवाल पैदा हो रहा है कि क्या अमेरिका तय समय में अपने सभी नागरिकों को अफगानिस्तान से वापस निकाल लेगा. इसके साथ ही नाटो और अन्य संगठनों के लोगों को भी निकालने के लिए अमेरिका ने क्या तैयारी की हैं. अभी भी बड़ी संख्या में अफगानिस्तान से लोगों का रेस्क्यू होना बाकी है.

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पहले सितंबर की तय हुई थी तारीख
अमेरिका ने कहा कि वह 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुला लेना. दरअसल पिछले करीब 20 साल से अमेरिका की सेना अफगानिस्तान में मौजूद है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2020 में तालिबानी प्रतिनिधियों के साथ समझौता किया था कि मई 2021 तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान छोड़ देगी. जब अमेरिका में जो बाइडेन सत्ता में आए तो उन्होंने इस तारीख को बढ़ा 11 सितंबर कर दिया. इस तारीख को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई. दरअसल 11 सितंबर को ही अमेरिका में हमले के 20 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में अमेरिका में एक वर्ग का कहना था कि इससे दुनिया में गलत संदेश जाएगा. बाद में जो बाइडेन की ओर से 31 अगस्त, 2021 की तारीख को तय किया गया. मई से ही बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान को छोड़ने में लगे थे. 

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कई लोगों का बाकी है रेस्क्यू
अफगानिस्तान में अभी कई अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं. वहीं नाटो देशों के नागरिक के अलावा अफगानी नागरिक (जिन्होंने युद्ध में नाटो देशों की मदद की) आदि लोग शामिल हैं. अफगानिस्तान में जी-7 ग्रुप समेत अन्य देशों और संगठनों ने भी कहा कि 31 अगस्त के बाद भी अमेरिकी सेना काबुल में मौजूद रहे. ऐसे में अमेरिका के सामने सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है. या तो वह अपने सहयोगियों की बात मानकर उसे वहां से सुरक्षित वापस निकाले या तालिबान की बात माने. तालिबान पहले ही धमकी दे चुका है कि अगर अमेरिकी सेना तय डेडलाइन में नहीं जाती है तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे.