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न्यूजीलैंड के दर्जन भर स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, साइबर अटैक की आशंका

यह नई धमकी बुधवार को चार स्कूलों को बम से उड़ा देने की धमकी के 24 घंटे बाद आई. ये चार स्कूल उत्तरी न्यूजीलैंड के वायकटो. थेम्स और गिजबॉर्न में स्थित हैं.

Updated on: 28 Jul 2022, 02:47 PM

highlights

  • 24 घंटे पहले न्यूजीलैंड के चार स्कूलों को उड़ाने की धमकी
  • उसके बाद दर्जन भर स्कूलों में विस्फोटक रखे होने की धमकी
  • शिक्षा मंत्रालय का मानना है धमकी वास्तव में साइबर अटैक

वेलिंग्टन:

न्यूजीलैंड (Newzealand) के लगभग एक दर्जन स्कूलों को गुरुवार को बम से उड़ाने (Bomb Threat) की धमकी मिली, जिस कारण पूरे न्यूजीलैंड में अफरा-तफरी का माहौल फैल गया. माना जा रहा है कि स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी वास्तव में देश के बाहर से किया गया साइबर अटैक (Cyber Attack) था. हालांकि जिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली उन्हें खाली करा लिया गया या बंद कर दिया गया. बताते हैं कि यह नई धमकी बुधवार को चार स्कूलों को बम से उड़ा देने की धमकी के 24 घंटे बाद आई. ये चार स्कूल उत्तरी न्यूजीलैंड के वायकटो. थेम्स और गिजबॉर्न में स्थित हैं. न्यूजीलैंड के प्रिंसिपल फेडरेशन के अध्यक्ष चेरी टेलर पटेल ने इस मसले पर शिक्षा मंत्री से बात की. मंत्रालय के मुताबिक यह धमकी साइबर अटैक की देन थी, जो कहीं बाहर से किया गया था.

एक भी स्कूल से नहीं मिला विस्फोटक
हालांकि प्रशासन का कहना है कि वे स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी की जांच कर रहे हैं. गौरतलब है कि मार्लबोरो, मास्टरटन, कायकौरा, ग्रेमाउथ, क्वींसटाउन, लेविन, वांगगनुई, रोलेस्टन, टकाका, गेराल्डीन, डंस्टन, एशबर्टन और पाल्मर्स्टोन के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी. टासमान एरिया कमांडर साइमल फेल्थम मार्लबोरो गर्ल्स कॉलेज को मिली धमकी के संदर्भ में दो युवाओं से बात कर रहे हैं. फिलवक्त तक धमकी मिलने वाले किसी भी स्कूल से कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ है. 

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पहले भी मिली हैं ऐसी फर्जी कॉल्स
बताते हैं कि 2016 में ऐसी ही घटना पेश आई थी जब न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों को बम से उड़ाने की फर्जी कॉल मिली थीं. उस वक्त कहा गया था कि स्कूलों में विस्फोटक रखा हुआ है, जो कभी भी फट सकता है. 2018 में इजरायल की एक अदालत ने एक इजरायली-अमेरिकी को उत्तरी अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और डेनमार्क में दो हजार के आसपास पर्जी धमकी भरी कॉल करने का आरोप सिद्ध होने पर 10 साल की सजा सुनाई थी.