पाकिस्तान में तख्ता पलट की आशंकाओं के बीच 111 ब्रिगेड की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. यह ब्रिगेड पाकिस्तान में तख्ता पलट के लिए कुख्यात मानी जाती है. बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) में 111 बिग्रेड का ही इस्तेमाल हमेशा से तख्तापलट (Coup) करने में किया जाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र की जनरल एसेंबली में कोई प्रभाव न छोड़ पाने और आर्थिक मोर्चे पर पीएम इमरान खान के मुंह की खाने के बाद यह आशंका बलवती हो गई है. दूसरी ओर, पाकिस्तान पर FATF की काली सूची में डाले जाने का खतरा भी बढ़ गया है.
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पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) ने पाकिस्तान (Pakistan) के बड़े कारोबारियों के साथ गुप्त बैठक कर अटकलों को और बढ़ा दिया है. पाकिस्तान में अब तख्ता पलट किए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. पाकिस्तान की राजनीति के जानकारों का मानना है कि वहां की फौज पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से खुश नहीं है. खासकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय जगत में मुंह की खाने के बाद सेना खासी नाराज बताई जा रही है.
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क्या है 111 ब्रिगेड (111 Brigade)
रावलपिंडी में तैनात 111 ब्रिगेड को पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर का गैरिसन ब्रिगेड कहा जाता है. इस ब्रिगेड का इस्तेमाल लगभग हर सैन्य तख्तापलट में किया गया है, इसलिए इसे तख्तापलट ब्रिगेड (Coup Brigade) भी कहते हैं. 1958 में पहली बार तख्तापलट के लिए इस Brigade का इस्तेमाल किया गया था. तब तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल अयूब ख़ान ने तत्कालीन राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्ज़ा को सत्ताच्युत कर सत्ता हथिया ली थी. 1969, 1977 और 1999 में भी तख्तापलट के लिए इसी Brigade का इस्तेमाल किया गया था. रावलपिंडी से इस्लामाबाद की दूरी सिर्फ 21 किलोमीटर है. इसलिए बहुत कम समय में यह ब्रिगेड इस्लामाबाद पहुंचकर तख्तापलट कर जाती है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो