बांग्लादेश की एक अदालत ने सोमवार को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी (हुजी) के 10 सदस्यों को 2001 में एक राजनीतिक रैली के दौरान विस्फोट करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई. द डेली स्टार समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका के तीसरे अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एमडी रॉबुल आलम ने यह फैसला सुनाया.
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2001 में रैली में हुआ था धमाका
20 जनवरी 2001 को देश की राजधानी के पल्टन मैदान में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश (सीपीबी) की रैली में हुए विस्फोटों में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे. बाद में सीपीबी के तत्कालीन अध्यक्ष मोनजुरुल अहसान खान ने इस घटना के संबंध में अज्ञात लोगों पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.
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2013 में शुरू हुआ मुकदमा
जांच अधिकारी सीआईडी इंस्पेक्टर मृणाल कांति साहा ने 27 नवंबर, 2013 को ढाका के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दो आरोप-पत्र पेश किए. मुकदमे के दौरान अदालत ने मामले के शिकायतकर्ता सहित 46 अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए. इसके बाद एक दिसंबर, 2019 को अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों के निष्कर्ष के बाद तारीख तय की थी.
HIGHLIGHTS
- हुजी के 10 सदस्यों को रैली के दौरान विस्फोट करने पर मौत की सजा.
- 20 जनवरी 2001 को सीपीबी की रैली में विस्फोटों में पांच की मौत.
- मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दो आरोप-पत्र पेश किए गए थे.