Nepal Protests: नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आई है.
Nepal Protests: नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल ये अटकलें पहले ही लगने लगीं थी कि जब तक नेपाल की ओली सरकार नहीं जाएगी. ये विद्रोह नहीं शांत होने वाला नहीं है. क्योंकि सोशल मीडिया बैन को हटाने के बाद भी देखा जा रहा था कि सरकार के खिलाफ जो गुस्सा है वो कमतर होता नजर नहीं आ रहा. पूरे नेपाल में प्रदर्शन हो रहा है. काठमांडू की बात करें तो लहान धरान विराट नगर से लेकर आप देखिए तो पोखरा तमाम इलाके जो है वो आज भी प्रदर्शन हिंसक रूप अख्तियार कर चुके हैं और अभी युवाओं का ही सिर्फ प्रदर्शन नहीं है बल्कि इसमें आम जन भी शामिल है.
ओपी पर इस्तीफे का था दबाव
दरअसल सोशल मीडिया बैन तो बहाना था सीधे तौर पर प्रदर्शनकारी पहले से ही ओली पर दबाव बना रहे थे कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें. हालांकि ओली ने अपनी कुर्सी बजाने के लिए अपने गृह मंत्री अन्य मंत्रियों को कुर्बान कर दिया था. फिर भी प्रदर्शन नहीं रुका और आखिर में यह बड़ी खबर आई है कि ओली ने अब रिजाइन कर
दिया है.
ये जन आंदोलन
ये जन विद्रोह ये युवाओं का आंदोलन ये युवाओं का विद्रोह सरकार को किस तरह से ना सिर्फ हिला गया बल्कि जड़ से उखाड़ कर फेंकने में कामयाब दिखाई दे रहा है। ये एक बड़ी बात है. इसके गहरे मायने है और जाहिर है इसको रीड करना होगा समय के साथ. जिस तरह से आप देखिए कि सोशल साइट्स को बैन करने के बाद भी इसमें एक बड़ी बात ये है कि जो TikTok है उसको दरअसल बैन के कैटेगरी में काफी झील दी गई थी और TikTok के माध्यम से ही हमने देखा जो वीडियोस थे वो काफी संख्या में सर्कुलेट किए और फिर WhatsApp के जरिए वो सर्कुलेट किए.
उसके बाद वो तमाम दुनिया के तमाम इलाकों में गए देशों में गए और जो यूज़र्स है उन्होंने देखा कि किस तरह के हालात से नेपाल गुजर रहा है तो इस वक्त की जो मौजूदा स्थिति है उस साफ दिखाई दे रहा है कि सरकार को दरअसल जाना पड़ा और इसलिए जाना पड़ा क्योंकि ये विद्रोह शांत नहीं हो रहा था.
ऑल पार्टी मीटिंग की तिकड़म भी नहीं आई काम
सिर्फ सोशल मीडिया बैन हटाने से ये मसला हल नहीं हो रहा था बल्कि ओली सरकार के खिलाफ जो गुस्सा है जो विद्रोह है जो जन आक्रोश है जो युवाओं में आक्रोश है वो दरअसल परवान पर था और ऐसे में कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा था. खबरें भी आ रही थी कि वली जो है हेलीकाप्टर के जरिए अपने इलाज का बहाना बनाकर रेस्ट पर निकालना चाह रहे थे. उन्होंने ऑल पार्टी मीटिंग भी बुलाई लेकिन कामयाब नहीं हो पाई है.
ऑल पार्टी मीटिंग में कामयाबी के हम देख तो आसार कमी दिखाई दे रहे थे. क्योंकि कांग्रेस और खासतौर पर लेफ्ट पार्टी अन्य जो दल हैं वो पूरी तरह से आंदोलन के साथ दिखाई दे रहे थे और कह रहे थे पूरी सरकार रिजाइन दे तो ऑल पार्टी का भी दांव दरअसल जो चला गया था वो शाम तक होनी थी लेकिन वो टिक नहीं पाई.