Nepal Cabinet Expansion: नेपाल की अंतरिम कैबिनेट का हुआ विस्तार, जानें किन लोगों को पीएम सुशीला ने दी अहम जिम्मेदारी

Nepal Cabinet Expansion: नेपाल एक बार फिर बड़े राजनीतिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. हालिया प्रदर्शन, हिंसा और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में नई कार्यवाहक सरकार का गठन हो चुका है.

Nepal Cabinet Expansion: नेपाल एक बार फिर बड़े राजनीतिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. हालिया प्रदर्शन, हिंसा और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में नई कार्यवाहक सरकार का गठन हो चुका है.

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Dheeraj Sharma
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Nepal Cabinet Expansion

Nepal Cabinet Expansion: नेपाल एक बार फिर बड़े राजनीतिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. हालिया प्रदर्शन, हिंसा और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में नई कार्यवाहक सरकार का गठन हो चुका है. इस सरकार की अगुवाई नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की कर रही हैं, जो नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं. उनके नेतृत्व में नेपाल एक नए युग की ओर बढ़ रहा है, जहां युवाओं की भूमिका प्रमुख हो रही है. सोमवार को अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला ने कैबिनेट का विस्तार किया. इस दौरान उन्होंने तीन नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी. 

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नए मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरे, 3 अहम मंत्रालय

सोमवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपने अंतरिम मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया. राजधानी काठमांडू के शीतल निवास में तीन मंत्रियों ने शपथ ली:

1. कुलमन घीसिंग को ऊर्जा, शहरी विकास और भौतिक अवसंरचना मंत्रालय सौंपा गया है. वे नेपाल के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए पहले से ही प्रसिद्ध हैं.

2. ओम प्रकाश आर्यल, जो पूर्व में नेपाल पुलिस प्रमुख रह चुके हैं, अब विधि और गृह मंत्रालय का प्रभार संभालेंगे.

3. रामेश्वर खनल, एक अनुभवी आर्थिक विश्लेषक, को वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है.

यह मंत्रिमंडल अनुभव और कार्यक्षमता का एक संतुलित मिश्रण दिखाता है, जो आगामी संक्रमणकाल में देश की स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में सहायक हो सकता है.

प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि: सोशल मीडिया प्रतिबंध बना चिंगारी

नेपाल में हालिया अशांति की शुरुआत तब हुई जब सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. यह फैसला कथित तौर पर भ्रष्टाचार की आवाज दबाने के लिए लिया गया था. इसके विरोध में Gen-Z, यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी तकनीकी रूप से दक्ष युवा पीढ़ी, सड़कों पर उतर आई.

पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गई, जिसमें कई युवाओं की जान गई. इसके बाद पूरे देश में हिंसा भड़क उठी और केपी शर्मा ओली को भारी जनदबाव के चलते मंगलवार को इस्तीफा देना पड़ा.

2026 में होंगे आम चुनाव

प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सुशीला कार्की ने साफ किया कि उनकी सरकार केवल अंतरिम और ट्रांजिशनल सरकार है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि देश में 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराए जाएंगे, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से स्थापित किया जा सके.

उम्मीद की नई किरण

नेपाल में मौजूदा संकट के बाद सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना न केवल एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि देश के लिए नई उम्मीद भी है. जहां एक ओर युवा शक्ति नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रही है, वहीं अब सरकार में अनुभव और पारदर्शिता की भी झलक देखने को मिल रही है. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि नेपाल इस राजनीतिक संक्रमण को कितनी सफलता से संभाल पाता है.

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