म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में एक हजार से अधिक लोगों की जीवन लीला खत्म कर दी. इससे पूरे देश में व्यापक विनाश हुआ है. अब उपग्रह से मिले चित्रों से पता चला है कि 7.7 तीव्रता के भूकंप से नेपीता अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का हवाई यातायात नियंत्रण करने वाला टावर गिर गया. तस्वीरों में सामने आया कि टावर इस तरह गिरा जैसे वह अपने आधार से उखड़ गया. टावर के ऊपर से मलबा बिखरा पड़ा था. यह म्यांमार की राजधानी की हवाई यातायात को नियंत्रित करने के काम आता था.
यांगून हवाई अड्डे पर उतर रहे हैं विमान
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस टॉवर के गिरने से कितने लोग घायल हो गए हैं. भूकंप के वक्त अंदर कर्मचारी मौजूद होंगे. इसके गिरने से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात थम चुका है. इसकी वजह है कि सभी इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार नियंत्रकों के लिए टावर में रूट किए गए होंगे. एक रिपोर्ट की मानें तो चीन से बचाव दल को लेकर आने वाले विमान सीधे प्रभावित प्रमुख शहरों मंडले और नेपीता के हवाई अड्डों पर जाने के बजाय यांगून हवाई अड्डे पर उतर रहे हैं.
मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है
म्यांमार में सेना का राज है. भूकंप के कारण अब तक 1,002 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 2,376 अन्य घायल हो गए हैं. वहीं 30 अन्य लापता हैं. इस दौरान मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. अभी इन आंकड़ों को एकत्र किया जा रहा है. म्यांमार लंबे वक्त से चल रहे खूनी गृहयुद्ध की चपेट में है.
भूकंप का केंद्र मांडले से कुछ ही दूरी पर था
शुक्रवार को म्यांमार में आया भूकंप का केंद्र मांडले से कुछ ही दूरी पर था. इसके बाद कई झटके आए. इनमें से एक की तीव्रता 6.4 मापी गई. इस दौरान कई इमारतें ढह गईं. सड़कों पर दरारें देखने को मिलीं. पुल ढह गए और एक बांध टूट गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी नेपीडॉ में शनिवार को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत को लेकर कर्मचारियों ने काम किया. शहर के अधिकतर हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद हो गईं. भूकंप की वजह से कई इमारतें ढह गईं. इनमें सरकारी कर्मचारियों के आवास वाली कई इकाइयां मौजूद हैं.