POK में बड़ा आंदोलन, पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भड़का जनआक्रोश, हिंसा में 2 की मौत

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन भड़क गया. लोगों ने राजनीतिक उपेक्षा, भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प में 2 लोगों की मौत और 22 से ज्यादा घायल हो गए.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन भड़क गया. लोगों ने राजनीतिक उपेक्षा, भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प में 2 लोगों की मौत और 22 से ज्यादा घायल हो गए.

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Deepak Kumar
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POK Violence

गुलाम जम्मू-कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में सोमवार (29 सितंबर) को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ. यह आंदोलन हिंसक हो गया और झड़प में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 से ज्यादा लोग घायल हो गए. अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में हो रहे इस प्रदर्शन में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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जनता की नाराजगी और आरोप

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार उन्हें दशकों से नजरअंदाज कर रही है. स्थानीय लोग राजनीतिक उपेक्षा, मानवाधिकार उल्लंघन और ‘दूसरे दर्जे के नागरिक’ जैसा व्यवहार झेल रहे हैं. लोगों का गुस्सा पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी से और बढ़ गया, क्योंकि निहत्थे नागरिकों पर गोलियां चलाई गईं. भीड़ ने सरकारी भ्रष्टाचार, महंगाई, संसाधनों की लूट और प्रतिनिधित्व की कमी पर भी आक्रोश जताया.

AAC की मांगें और आंदोलन

AAC ने 38 मांगों की लिस्ट दी है. इनमें सबसे अहम है- पीओके विधानसभा की 12 आरक्षित सीटों को खत्म करना, जो पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए रखी गई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन सीटों से स्थानीय शासन कमजोर होता है और इस्लामाबाद को अनावश्यक नियंत्रण मिलता है. इसके अलावा, उन्होंने हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का लाभ स्थानीय जनता को देने, आटा और बिजली जैसी बुनियादी चीजों पर सब्सिडी देने की भी मांग की है.

जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन के चलते पीओके में बाजार और दुकानें बंद हो गईं. इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं लगातार दूसरे दिन बंद रहीं. AAC ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वे और बड़ी रैली करेंगे. इस मुद्दे का जिक्र हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भी किया गया था, जहां बताया गया कि पाकिस्तान सरकार की नीतियों से पीओके के लोग बुरी तरह प्रभावित हैं.

पीओके में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और आंदोलन तेज हो रहा है. AAC नेताओं का कहना है कि अब जनता अपने अधिकार लिए बिना पीछे नहीं हटेगी. इस आंदोलन ने पाकिस्तान सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

यह भी पढ़ें- पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों ने की हड़ताल, परिवहन और बाजार बंद

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