donald trump on pollution Photograph: (social media)
अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने लगाता बड़े-बड़े निर्णय ले रहे हैं. इससे पूरी दुनिया पर असर पड़ा है. अब ट्रंप ने भारत समेत पूरी दुनिया में अपने दूतावासों के जरिए प्रदूषण निगरानी बंद कर दी है. आपको बता दें कि दिल्ली में भी अमेरिकी दूतावास से पॉल्यूशन की लाइव ट्रैकिंग होती रही थी. मगर अब इसे बंद कर दिया गया है. इस परेशानी को दिल्ली के लोग आसानी से समझ सकते हैं.
अमेरिका दूतावासों से पॉल्यूशन की लाइव ट्रैकिंग काफी बेहतर मानी जाती है. इसके आंकड़े काफी सटीक बताए जाते थे. इससे पूरी दुनिया खासकर अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को अपने शहर के बारे सही जानकारी मिल पाती थी. अमेरिका की इस सुविधा को नागरिकों के लिए बनाई गई थी. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने इस खर्च को फालतू बताया है. उसने इसके लिए बजट देना बंद कर दिया है.
विदेश विभाग ने हवाला देते हुए कहा कि वह वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम के तहत डेटा प्रसारण को खत्म कर रहे हैं. हम इस तरह के आंकड़े जारी नहीं रखेंगे. पुराना डेटा पर्यावरण संरक्षण एजेंसी की साइट पर रहेगा. बताया जा रहा है कि जब तक पर्याप्त धनराशि नहीं होगी, तब तक ये बंद रहने वाला है.
चीन छिपा रहा था डेटा
अमेरिका 2008 से ही डेटा को शेयर करता रहा है. मगर हाल ही में चीन ने इस पर सेंसर लगा दिया. उसका कहना है कि अमेरिका इसके जरिए जासूसी करने की कोशिश में लगा हुआ है. 2014 में जब ओबामा एक शिखर सम्मेलन में पहुंचे तब एक ऐप पर अमेरिकी दूतावास का डेटा शेयर हो गया. इसमें सामने आया कि जो आंकड़े चीन जारी कर रहा है और जो आंकड़े अमेरिका के पास हैं, दोनों में काफी अंतर है. इससे यह सामने आया कि चीन प्रदूषण को छिपाने की कोशिश रहा है.
भारत पर ये होगा असर
अमेरिकी दूतावास से मिले पाल्यूशन डेटा का उपयोग दिल्ली के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है. दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी खराब हालात में है. जैसे ही राजधानी में ठंड आती है, यहां पर वातावरण खराब हो जाता है. इस जगह के डेटा को पूरी दुनिया उपयोग करती है. ये तय करता है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद निचले स्तर पर है. अब इस पर ट्रंप ने रोक लगा दी है. डेटा न मिलने से अब इस पर रोकथाम करना आसान नहीं होगा.