बिहार का मखाना अपनी पौष्टिकता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. बिहार भारत में मखाने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. बिहार में पैदा होने वाले मखाने का उत्पादन भारत के कुल उत्पादन का 80-90 प्रतिशत हिस्सा है. बिहार के मधुबनी, पूर्णिया, दरभंगा, सहरसा और कटिहार में सबसे ज्यादा मखाना होता है. मिथिलांचल क्षेत्र में सबसे ज्यादा मखाने की खेती होती है. जीआई टैग भी दिया गया है. भारत दुनिया भर में मखाने की सप्लाई करता है. आइये हम आपको उन देशों के बारे में बताते हैं, जिन देशों में सबसे ज्यादा मखाने की सप्लाई की जाती है….
किन देशों में सबसे ज्यादा डिमांड?
अमेरिका भारत के मखानों का बहुत दीवाना है. अन्य देशों की तुलना में अमेरिका मखाने का सबसे बड़ा आयातक है. अमेरिका में मखाने के कुल निर्यात का 25 प्रतिशत होता है. इसके बाद लिस्ट में नेपाल का नाम आता है. नेपाल 14 प्रतिशत मखाना खरीदता है. आठ प्रतिशत खरीददारी यूएई करता है और लिस्ट में तीसरे नंबर पर आता है. लिस्ट में चौथे नंबर पर इंग्लैंड और पांचवें नंबर पर बांग्लादेश का नाम आता है.
तेजी से ग्रोथ कर रहा मखाने का मार्केट
एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में मखानों का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. रिपोर्ट की मानें तो मखाने का ये बाजार 2033 तक 19.6 अरब रुपये तक पहुंच जाएगा. पिछले साल में मकाने के उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है. 2023 में 1,20,000 टन का उत्पादन हुआ था, वहीं, 2025 में उत्पादन 1,40,000 टन तक पहुंच सकता है. मखाने को सुपरफूड कहा जाता है. ये हृदय, हड्डियों, त्वचा, पाचन और समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. आप अगर इसे अपने आहार में शामिल करते हैं तो आपको गजब के फायदे देखने को मिलेंगे.
मखाने के इतने सारे फायदे
प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर.
एंटीऑक्सिडेंट्स से युक्त, शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है.
कम कैलोरीज होने के वजह, यह स्वास्थ्यवर्धक स्नैक है.
मखाना में कम कोलेस्ट्रॉल और कम सोडियम होता है, रक्तचाप नियंत्रित होता है.
फाइबर की अच्छी मात्रा है, पाचन सुधारता है. कब्ज की समस्या को दूर होती है.
शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार.
हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए में काफी अच्छा.