कजाकिस्तान में महिलाओं के बुर्का पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है. अब महिलाएं सार्वजनिक तौर पर वहां अपने चेहरे को पूर्ण रूप से नहीं ढंक पाएंगी. खास बात है कि कजाकिस्तान एक मुस्लिम देश है. बावजूद इसके उनकी सरकार ने बुर्के पर बैन लगा दिया है. मुस्लिम बहुल देश होने के बाद भी बुर्का पर बैन लगना दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है. हालांकि, कजाकिस्तान इकलौता मुस्लिम देश नहीं है, जहां बुर्के पर बैन है.
आज हम आपको उन मुस्लिम देशों के बारे में बताएंगे, जहां बुर्का बैन है और नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगता है.
कजाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है. यहां की 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और तीस फीसदी आबादी ईसाई धर्म को मानती है. बुर्का एक अरबी शब्द है. सातवीं सदी से इसका इस्तेमाल हो रहा है. कहा जाता है कि बुर्का पहली बार ईरान में पहना गया था. एक्सपर्ट्स की मानें तो इस्लाम धर्म की कई धार्मिक किताबें में बुर्के की बजाए हिजाब का इस्तेमाल किया गया है.
इन मुस्लिम देशों में बुर्के पर लगा है बैन.
अलग-अलग देशों में कई बार बुर्के को लेकर बवाल उठ चुके हैं. अधिकांश पश्चिमी देश बुर्के को बैन कर चुके हैं. भारत में कई शिक्षण संस्थानों या फिर अन्य स्थानों पर बुर्का पर बैन लगाने के लिए विवाद हुआ है. अब बात आती है कि आखिर किन-किन मुस्लिम देशों ने बुर्के पर बैन लगाया है, तो इस सूची में तुर्केमिनिस्तान, अल्जीरिया, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, चाड और तुनिशिया जैसे मुस्लिम देश शामिल हैं.
यूरोप में सबसे पहले फ्रांस ने लगाया था बैन
यूरोप के विभिन्न देशों में बुर्के के कारण कई बार विवाद हो चुका है. हालांकि, अब कई यूरोपीय देशों ने बुर्के के खिलाफ सख्त कानून पारित किया और बुर्के को देश में प्रतिबंधित कर दिया. फ्रांस पहला यूरोपीय देश है, जिसने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के को बैन किया है. फ्रांस में अगर कोई बुर्के के नियम का उल्लंघन करता है तो उसे 150 यूरो का जुर्माना भरना पड़ता है. अगर कोई शख्स किसी महिला को बुर्का पहनने के लिए मजबूर करे या फिर जोर-जबरदस्ती करता है तो उसे 30 हजार यूरो का जुर्माना भरना पड़ता है.