रूस की राजधानी में लेफ्टिनेंट जनरल की सरेआम हत्या, कार में बम लगाकर उड़ाया

Russian Lieutenant General Killed: रूस की राजधानी मॉस्को से बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल यहां पुतिन की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल को सरेआम मौत के घाट उतार दिया गया. जनरल की हत्या उसकी की कार में बम लगाकर की गई है.

Russian Lieutenant General Killed: रूस की राजधानी मॉस्को से बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल यहां पुतिन की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल को सरेआम मौत के घाट उतार दिया गया. जनरल की हत्या उसकी की कार में बम लगाकर की गई है.

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Dheeraj Sharma
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Russian Genral Killed

Russian Lieutenant General Killed:  रूस की राजधानी मॉस्को में सोमवार, 22 दिसंबर को एक कार बम धमाके ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में रूसी जनरल स्टाफ के सेना परिचालन प्रशिक्षण निदेशालय के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैनिल सरवरोव की मौत हो गई. रूस की जांच समिति ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जनरल की कार के नीचे पहले से विस्फोटक लगाया गया था, जो इंजन स्टार्ट होते ही फट गया. धमाका मॉस्को के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक आवासीय परिसर की पार्किंग में हुआ.

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हमले की प्रकृति और जांच

प्रारंभिक जांच के अनुसार, कार के नीचे लगाया गया विस्फोटक संभवतः एक IED था. रूसी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि डिवाइस को इस तरह सेट किया गया था कि वाहन के चलने के कुछ ही सेकंड बाद विस्फोट हो जाए. जांच एजेंसियां इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि इस हमले के पीछे यूक्रेन की खुफिया एजेंसी का हाथ हो सकता है, हालांकि अभी तक किसी आधिकारिक निष्कर्ष की घोषणा नहीं की गई है. 

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह घटना रूस की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती मानी जा रही है. मॉस्को जैसे अत्यधिक सुरक्षित शहर में एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को निशाना बनाया जाना कई सवाल खड़े करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का हमला केवल विस्तृत योजना और अंदरूनी जानकारी के बिना संभव नहीं होता. इसी कारण सुरक्षा एजेंसियां हमले के नेटवर्क, संभावित सहयोगियों और खुफिया चूक की भी जांच कर रही हैं.

कौन थे जनरल फैनिल सरवरोव?

56 वर्षीय फैनिल सरवरोव रूसी सशस्त्र बलों में एक प्रभावशाली और अनुभवी अधिकारी थे. वे ऑपरेशनल ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख के रूप में सेना की रणनीतिक तैयारी और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. अपने सैन्य करियर के दौरान उन्होंने चेचन्या, ओसेशिया और सीरिया जैसे संघर्ष क्षेत्रों में भूमिका निभाई थी. इसके अलावा, यूक्रेन युद्ध में भी उनकी सक्रिय भागीदारी बताई जाती है, जिससे वे एक महत्वपूर्ण सैन्य चेहरा बन गए थे.

राजनीतिक और रणनीतिक असर

जनरल सरवरोव की हत्या को केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि रूस की सैन्य और राजनीतिक प्रतिष्ठा पर सीधा प्रहार माना जा रहा है. यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब रूस पहले से ही अंतरराष्ट्रीय दबाव और क्षेत्रीय संघर्षों का सामना कर रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि इस हमले का असर रूस की सुरक्षा नीति, खुफिया रणनीति और यूक्रेन युद्ध से जुड़े फैसलों पर भी पड़ सकता है.

अब आगे क्या? 

रूसी जांच एजेंसियां इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ देख रही हैं. आने वाले दिनों में जांच के निष्कर्ष न केवल हमलावरों की पहचान उजागर कर सकते हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर सकते हैं कि रूस अपनी आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कौन से कदम उठाने जा रहा है.

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