युद्ध हर एक देश के लिए नुकसानदायक होता है. कोई नहीं चाहता कि युद्ध हो. युद्ध के अपने बहुत सारे नुकसान हैं. हालांकि, इसी दुनिया में कुछ देश ऐसे भी होते हैं, जिनके लिए युद्ध फायदेमंद होता है. ये देश वे हैं, जो हथियारों के सौदागर हैं. हथियारों की बिक्री की कमाई, उनके अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है. क्योंकि युद्ध में शामिल देशों हथियारों की खरीदी के लिए इन्हीं देशों पर निर्भर है.
युद्ध जिन देशों के लिए फायदेमंद है, उनमें से अमेरिका एक है. अमेरिका के पास हथियार बनाने वाली ऐसी कई कंपनियां है, जो करोड़ों के फाइटर जेट्, ड्रोन्स और मिसाइलों का निर्माण करती हैं. अमेरिका ने साल 2024 में 27.57 लाख करोड़ रुपये के हथियार बेचे हैं. ऐसे में हम लोगों के दिमाग में ये सवाल जरूर कौंधता है कि आखिर अमेरिका को एक फाइटर प्लेन बेचने पर कितने करोड़ रुपये का मुनाफा कमाता है,
कितनी होती है एक फाइटर जेट की कीमत
फाइटर जेट्स दुनिया के सबसे अत्याधुनिक हथियारों में से एक हैं. वर्तमान में सातवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स के लिए काम हो रहा है. फाइटर जेट्स के निर्माण और ऑपरेशन में भारी भरकम खर्चा होता है. सबसे जरूरी इसमें इंजन होता है. इसका निर्माण करना तो हर किसी के बस की बात नहीं है. भारत ने भी कई बार फाइटर जेट्स बनाने की कोशिश की लेकिन अब तक वह सफल नहीं हो पाया है. इंजन के रिसर्च-डेवलपमेंट में ही अरबों डॉलर रुपये खर्च हो जाते हैं. लॉकहीड मार्टिन कंपनी का F-35, 5वीं पीढ़ी का लडाकू विमान है. अमेरिका उस पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर खर्च करता है. भारतीय मुद्रा में ये करीब 715 करोड़ रुपये के करीब होता है.
कितनी कमाई करता है अमेरिका
एक फाइटर जेट की बिक्री से अमेरिका कितना मुनाफा कमाता है. ये बहुत सारी चीजों पर निर्भर करता है. उदाहरण से समझें तो अमेरिका के एफ-35 को देखें तो ये तीन वेरिएंट में मिलता है. F-35A की कीमत 883 करोड़ रुपये, F-35B की कीमत 721 करोड़ रुपये Qj F-35C की कीमत 944 करोड़ रुपये. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में F-35 का प्रति यूनिट लाभ करीब 10.7 प्रतिशत था. अगर एक F-35 की बिक्री की कीमत 87.3 मिलियन डॉलर है तो कंपनी प्रति यूनिट करीब 9.3 मिलियन डॉलर यानी 79 करोड़ रुपये के करीब मुनाफा कमाती है. ध्यान देने वाली बात है, ये फिक्स्ड अमाउंट नहीं है. फाइटर प्लेन को बेचने की कीमत के आधार पर मुनाफा कम और ज्यादा होता रहता है.