Junk Foods Ban: दक्षिण अमेरिकी देश मैक्सिको के स्कूलों में जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 29 मार्च से सरकार का फैसला लागू हो गया. अधिकारियों का कहना है कि ये फैसला सरकार ने बढ़ते मोटापे और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए लिया है.
बता दें, सरकार ने पिछले साल भी ऐसा ही एक आदेश जारी किया था. पिछले आदेश में सरकार ने नमकीन और मीठे खाद्य पदार्थों पर रोक लगाई थी. खास बात है कि प्रतिबंधित किए गए ये खाद्य पदार्थ मैक्सिकन बच्चों के आहार का हिस्सा बन गए थे. प्रतिबंधित पदार्थों में पैकेट वाले चिप्स, मीठे फलों के जूस, कृत्रिम सूअर के छिलके और मिर्च मसालेदार सोया-युक्त मूंगफली शामिल है.
शिक्षा मंत्रालय का परिजनों से आग्रह
मैक्सिको के शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि जंक फूड पर प्रतिबंध अब कानून बन गया है. मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अलविदा जंक फूड, मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए माता-पिता से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के लिए घर पर ही स्वस्थ खाना बनाएं और सरकार के इस अभियान का हिस्सा बनें. सार्वजनिक स्वास्थ्य सचिव मारियो डेलगाडो ने कहा कि नए मैक्सिकन स्कूल सिस्टम का लक्ष्य स्वस्थ्य जीवन को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि माता-पिता खुद इस फैसले का पूरा समर्थन कर रहे हैं.
स्कूलों की कैंटीन से गायब होंगी ये चीजें
नए नियमों के मुताबिक, स्कूलों को अब धीरे-धीरे उन सभी खानों को अपनी कैंटीन से हटाना होगा, जिनमें ज्यादा चीनी, नमक या कैलोरी होती है. मैक्सिको ने 2020 में एक लेबलिंग प्रणाली भी लागू की थी, इसके तहत ऐसे तड़क-भड़क और जंक फूड वाले पैकेट पर ब्लैक टैग लगाना होता है. स्कलों की कैंटीन से ऐसे ब्लैक टैग वाले फूड पैकेट्स भी हटाए जाएंगे. स्कूलों को अब जंक फूड की बजाए बीन टैकोस सहित अन्य सेहतमंद चीजें बेचनी होंगी. कैंटीन में साफ और सादा पानी भी उपलब्ध करवाना होगा.
मैक्सिकन राष्ट्रपति ने भी जारी किया बयान
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि पैकेट वाले आलू के चिप्स खाने से अच्छा है कि बच्चे बीन टैकोस खाएं. रिपोर्ट है कि पूरे लैटिन अमेरिका में मैक्सिको के बच्चे ही सबसे ज्यादा जंक फूड्स खाते हैं. इस वजह से बच्चों में मोटापा बढ़ता जा रहा है. ये गंभीर समस्या है.