टैरिफ और H-1B वीजा से बढ़े तनाव के बीच जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री की मुलाकात, खास मुद्दों पर होगी चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से अलग अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिले. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर एक दूसरे का अ​भिवादन किया.

विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से अलग अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिले. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर एक दूसरे का अ​भिवादन किया.

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Mohit Saxena
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jaishankar Photograph: (social media)

भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर अमेरिकी दौरे पर हैं. वे मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA80) की हाई लेवल बैठक में शामिल हुए. इस बैठक से अलग जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबिया के बीच अहम मुलाकात हुई. दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना बनी हुई है.  ऐसी संभावनाएं हैं कि दोनों के बीच एच-1बी वीजा और टैरिफ जैसे अहम मामलों पर चर्चा होगी. दोनों नेताओं के बीच इस वर्ष जनवरी में और आखिरी बार जुलाई में वाशिंगटन में मुलाकात हुई थी.

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इस दौरान व्यापार को लेकर बढ़े तनाव के बाद दोनों नेताओं की यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होने वाली है. दोनों के बीच अहम  बैठक मानी जा रही है. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक निर्णय लेते हुए एच-1बी वीजा के आवेदन शुल्क को करीब 88 लाख रुपये कर दिया है. ये 21 सितंबर से प्रभावी हो चुका है. 

नए शुल्क के कारण भारत को बड़ा झटका

भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास दोनों देशों के विदेश मंत्री के बीच बैठक का मकसद भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को बेहतर बनाना है. टैरिफ के कारण दोनों देशों में रिश्तों में खटास देखने को मिल रही है. अब एच1बी वीजा पर लगाए गए नए शुल्क के कारण भारत को बड़ा झटका लगा है. इस बीच अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर से लाई गई नीतियों के बीच रिश्तों में सुधार के संकेत मिले हैं.

दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं. इसके लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन में बातचीत में लगा हुआ है. इस बीच अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में आया था. वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, ये बैठक काफी सकारात्मक रही. दोनों ओर से व्यापार समझौते को बेहतर बनाने पर सहमति जताई गई. भारत कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से विवादों का हल करके व्यापार और तकनीकी सहयोग को बढ़ाने के प्रयास में लगा हुआ है. इस बैठक के माध्यम से रिश्तों में विश्वास बहाली के प्रयास हो रहे हैं.

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