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Trump Putin Meeting: अंतरराष्ट्रीय मंच पर तनावपूर्ण माहौल के बीच यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. दरअसल ये दावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद किया गया है. इसके तहत यूक्रेनी सेना के खुफिया विभाग के प्रवक्ता एंड्री यूसोव ने बताया कि रूस एक अत्याधुनिक न्यूक्लियर पावर्ड क्रूज मिसाइल पर काम कर रहा है, जिसका नाम 9M730 बुरेवेस्टनिक है. उनका कहना है कि यह परियोजना काफी आगे बढ़ चुकी है और इसका परीक्षण निकट भविष्य में किया जा सकता है. यूक्रेन का दावा है कि ट्रंप से मुलाकात के बीच पुतिन ने अपनी परियोजना से पूरी तरह ध्यान भटकाए रखा और आने वाले दिनों में वह एक बड़ा गेम कर सकते हैं.
क्या है बुरेवेस्टनिक, माना जा रहा अजेय हथियार
बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है इसका परमाणु ऊर्जा से संचालित इंजन, जिससे इसे अनगिनत दूरी तक उड़ाया जा सकता है. यही नहीं इसके जरिए रूस अपने सैन्य शक्ति का ऐसा प्रदर्शन कर सकता है, जिससे वैश्विक रणनीति बदल सकती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह मिसाइल पारंपरिक रडारों से बच निकलने में सक्षम हो सकती है, जिससे यह अजेय हथियार के रूप में देखा जा रहा है.
कहां होगा परीक्षण?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मिसाइल का परीक्षण नोवाया जेमल्या के पास स्थित पैनकोवो टेस्ट साइट पर किया जा सकता है, जो रूस का एक दूरस्थ आर्कटिक द्वीपसमूह है. यह क्षेत्र पहले भी विभिन्न खतरनाक हथियारों के परीक्षण स्थल के रूप में उपयोग में लाया गया है.
जानकारी कैसे सामने आई?
एंड्री यूसोव ने बताया कि यह जानकारी यूक्रेन को न केवल अपने जमीनी नेटवर्क से मिली है, बल्कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और NATO देशों की मदद से भी इसे पुख्ता किया गया है. हालांकि, रूस, अमेरिका और NATO के किसी भी शीर्ष अधिकारी या संस्थान ने इस पर आधिकारिक टिप्पणी करने से इनकार किया है.
पुतिन की कूटनीतिक रणनीति
रूस इस मिसाइल को केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि कूटनीतिक दबाव के उपकरण के रूप में भी इस्तेमाल करना चाहता है. एंड्री यूसोव का दावा है कि अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो रूस शांति वार्ता या सीजफायर के बदले में बड़ी शर्तें रख सकता है, जिनमें यूक्रेन की क्षेत्रीय रियायतें शामिल हो सकती हैं.
वैश्विक सुरक्षा पर संभावित प्रभाव
यह परीक्षण अगर सफल होता है, तो यह न केवल यूक्रेन युद्ध में नया मोड़ ला सकता है, बल्कि वैश्विक सामरिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है. अमेरिका, यूरोप और NATO को इसकी रणनीतिक प्रतिक्रिया तैयार करनी होगी. दरअसल रूस की यह नई मिसाइल परियोजना केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भविष्य की भू-राजनीतिक सौदेबाज़ी का बड़ा हिस्सा बन सकती है. ऐसे में आने वाले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए बेहद संवेदनशील साबित हो सकते हैं.
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