Ismail haniyeh killed in iran: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत से मिडिल ईस्ट से लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है. घर आए मेहमान की हत्या से ईरान बदले की आग में चल रहा है. ईरान के कोम में प्रमुख जामकरन मस्जिद के गुंबद पर लाल झंडा लगाया गया है. ईरान के इशारे पर हूती के साथ हिजबुल्लाह के खूंखार आतंकी इजरायल को जंग के लिए ललकार रहा हैं. वहीं, इजरायल पर हानिया की हत्या का आरोप लगाकर हमास हमले की खुलेआम धमकी दे रहा है. आइए जानते हैं कि ईरान की ओर से मुख्य मस्जिद पर लाल झंडा लहराने के क्या मायने हैं.
कैसे हुई इस्माइल हानिया की हत्या?
हमास चीफ इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपक्ष ग्रहण में शामिल होने के लिए राजधानी तेहरान पहुंचा हुआ था. इस दौरान हानिया इजरायल के कट्टर दुश्मन हिजबुल्लाह, हूती के नेताओं के साथ, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के नेताओं से खुलेआम मिलता नजर आया.
दोहा में रहकर हमास का सारा कामकाज देखने वाले हानिया ने एक दिन पहले ही ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी.
7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के बर्बर हमले के बाद से ही अपने दुश्मन नंबर वन हमास चीफ इस्माइल हानिया की खोज में जुटे मोसाद की तलाश ईरान की राजधानी तेहरान में जैसे ही पूरी हुई. मोसाद इजरायल की खूफिया एजेंसी है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने अपने सबसे सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम दे दिया, जिस घर में शपथ ग्रहण समारोह के बाद इस्माइल हानिया आराम फरमा रहा था. IDF ने आधी रात को 2 बजे के करीब एयरस्ट्राइक के जरिए हनिया को मौत के घाट उतारकर अपना बदला पूरा कर लिया.
...और भड़केगी जंग की आग?
हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत से पूरे मिडिल ईस्ट से लेकर रूस और अमेरिका तक हड़कंप मचा है. तेहरान की सरजमीं पर इस्माइल हानिया की हत्या से ईरान बौखला गया है, तो हमास के खूंखार आतंकवादी इजरायल से बदला लेने की आग में जल रहे हैं. इजरायल के कट्टर दुश्मन हमास को ईरान के साथ ही लेबनान के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला से लेकर हूती विद्रोहियों का भी साथ मिला है.
हानिका की मौत के बाद हमास, हूती और हिजबुल्ला के टॉप कमांडर और लड़ाके अपने रॉकेट और मिसाइल का मुंह इजरायल की तरफ मोड़ दिया है. और कभी भी सात अक्टूबर की तरह जमीन और आसमान से बम-बारूद की इजरायल पर बरसात कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो जंग की ये आग और भड़केगी.
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लाल झंडा लहराने के क्या मायने?
1- बदला लेने का प्रतीक
लाल झंडे को बदला लेने का एक प्रतीक माना जाता है, जो बढ़ते तनाव और इजरायल के खिलाफ संभावित जवाबी हमले का संकेत हो सकता है. हालांकि, ऐसा दिख भी रहा है इजरायल सीमा पर तनाव चरम पर है. अपने कट्टर दुश्मनों के जंगी तेवर देखकर इजरायल ने अपने रॉकेट-मिसाइल और किलर ड्रोन के मुंह दुश्मनों की तरफ मोड़ दिए हैं. अब ये सवाल उठ रहा है कि तो क्या मिडिल ईस्ट के बैटल ग्राउंड में जारी जंग की आग और भड़कने वाली है.
2- शहीदों के खून का प्रतीक
ईरान का पवित्र शहर माने जाने वाले कोम में जामकरन मस्जिद के गुंबद पर लाल झंडा अक्सर लहराया जाता है, जिसे शहीदों के खून का प्रतीक बताया जाता है. इस झंडे पर अरबी में 'या ला-थारत अल-हुसैन' लिखा हुआ है, जिसका मतलब 'ऐ हुसैन के बदला लेने वालों' होता है. मुहर्रम के दौरान खासतौर पर इस झंड़े को मस्जिद पर लगाया जाता है. बताया जाता है कि पैगंबर मोहम्मद के नाती हुसैन शिया इस्लाम के प्रमुख माने जाते हैं, जहां वह न्याय के योद्धा हैं. 680 ईस्वी में मौजूदा इराक के कर्बला की लड़ाई में खलीफा यजीद ने धोखे से उनकी हत्या कर दी थी.
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