International Yoga Day: चीन की धरती पर भारतीय योग की गूंज, लिंगशान में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

दुनियाभर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. लेकिन इससे पहले चीन के शंघाई स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास की ओर से 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य योग सत्र का आयोजन किया गया.

दुनियाभर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. लेकिन इससे पहले चीन के शंघाई स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास की ओर से 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य योग सत्र का आयोजन किया गया.

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Madhurendra Kumar
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International Yoga Day in China

International Yoga Day: शंघाई स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य योग सत्र का आयोजन 17 जून को चीन के प्रसिद्ध लिंगशान बुद्ध परिसर में किया गया। इस आयोजन में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें योग प्रेमी, स्थानीय नागरिक, भारतीय प्रवासी और छात्र शामिल रहे। इस आयोजन का उद्देश्य योग जैसे प्राचीन भारतीय अभ्यास को बढ़ावा देना और भारत-चीन सांस्कृतिक संबंधों को सशक्त बनाना था।

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सामूहिक योग सत्र में शामिल हुए कई आसन

लिंगशान बुद्ध परिसर, जो विश्व की सबसे ऊंची कांस्य बुद्ध प्रतिमाओं में से एक का घर है, ने इस योग कार्यक्रम के लिए एक शांत और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि प्रदान की। सामूहिक योग सत्र में विभिन्न आसनों, प्राणायाम और ध्यान अभ्यास को शामिल किया गया, जिससे प्रतिभागियों ने तन और मन दोनों की शुद्धि का अनुभव किया। कार्यक्रम ने योग की सार्वभौमिक अपील को उजागर किया, जो स्वास्थ्य, शांति और समरसता के साझा लक्ष्य में लोगों को एक साथ लाता है।

भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने इस अवसर पर कहा, “लिंगशान बुद्ध परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन न केवल योग के वैश्विक महत्व को दर्शाता है, बल्कि भारत और चीन के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों का भी प्रतीक है।”

मास्टर वूशिंग ने क्या कहा?

लिंगशान बुद्ध मंदिर के मुख्य अभट वंदनीय मास्टर वूशिंग ने कहा,“योग और बौद्ध धर्म दोनों हमें आंतरिक शांति और करुणा की ओर ले जाते हैं। लिंगशान में इस आयोजन ने भारत और चीन के बीच आध्यात्मिक सेतु को और सुदृढ़ किया है।”

कार्यक्रम का स्थल – लिंगशान बुद्ध परिसर – ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत प्रतीकात्मक था। भारत से निकले बौद्ध धर्म ने पहली शताब्दियों में चीन की ओर प्रस्थान किया था, जिसमें कुमारजीव और बोधिधर्म जैसे भारतीय विद्वानों का योगदान उल्लेखनीय रहा है। 88 मीटर ऊंची लिंगशान ग्रैंड बुद्ध प्रतिमा इस साझा विरासत का जीवंत प्रतीक है, जो भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं और चीनी स्थापत्य एवं संस्कृति का समन्वय दर्शाती है।

वूशी शहर, जो बौद्ध संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, लंबे समय से भारत-चीन के सांस्कृतिक सेतु का कार्य करता रहा है। इस आयोजन ने योग को एक समकालीन सांस्कृतिक कड़ी के रूप में प्रस्तुत किया, जो आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है।

योग दिवस की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को दिए गए संबोधन से हुई थी। इसके बाद दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। 175 सदस्य देशों के समर्थन से पारित इस प्रस्ताव ने योग की समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण को वैश्विक मान्यता दिलाई।

2025 में लिंगशान बुद्ध परिसर जैसे ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित यह कार्यक्रम योग के जरिए वैश्विक एकता, सतत जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने का सशक्त उदाहरण बना।

 

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