इस मुस्लिम देश में नहीं मनाया जाएगा नए साल का जश्न, पटाखे और शोर शराबे पर लगा बैन, जानें क्या है वजह

नया साल शुरू होने में बस एक दिन बाकी है. ऐसे में हर किसी ने अपने हिसाब से नए साल का जश्न मनाने की तैयारी की है. लेकिन दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश में इस बार नए साल का जश्न नहीं मनाया जाएगा. चलिए जानते हैं क्यों?

नया साल शुरू होने में बस एक दिन बाकी है. ऐसे में हर किसी ने अपने हिसाब से नए साल का जश्न मनाने की तैयारी की है. लेकिन दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश में इस बार नए साल का जश्न नहीं मनाया जाएगा. चलिए जानते हैं क्यों?

author-image
Suhel Khan
New Update
New Year Celebration

इस मुस्लिम देश में नहीं मनाया जाएगा नए साल का जश्न Photograph: (Social Media)

नए साल में बस एक दिन का वक्त बाकी है. पूरी दुनिया में नए साल का जश्न मनाया जाएगा, लेकिन दुनिया का एक मुस्लिम देश इस बार नए साल का जश्न नहीं मनाएगा. दरअसस, दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में इस बार नए साल का जश्न नहीं मनाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी.

Advertisment

जिसमें उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के कई राज्यों ने इस साल नए साल के मौके पर आतिशबाजी नहीं करने की योजना बनाई है. इसके साथ ही राष्ट्रपति कार्याकल के अधिकारी ने कहा है कि इंडोनेशिया की केंद्र सरकार इस योजना का समर्थन करेगी. तो चलिए जानते हैं आखिर इंडोनेशिया ने नए साल का जश्न मनाने का फैसला क्यों लिया है.

क्या है नए साल का जश्न ना मनाने की वजह?

दरअसल, इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर इस साल भयंकर बाढ़ आई थी. इस बाढ़ और भूस्खलन में 1,100 से ज्यादा लोग मारे गए थे. जबकि करीब चार लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापिक करना पड़ा था. इन्हीं बाढ़ के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इंडोनेशिया ने नए साल का जश्न ना मनाने का फैसला लिया है. इस दौरान देश में कहीं भी पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे और और ना ही कहीं शोर शराबा किया जाएगा. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और लोकप्रिय पर्यटक द्वीप बाली समेत कई कई सरकारों के अलावा पुलिस बलों ने भी कहा है कि वे सुमात्रा में पीड़ितों के सम्मान में आतिशबाजी नहीं करने देंगे.

इंडोनेशिया की सरकार ने भी लिया ये फैसला

वहीं इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबिआंतो के कार्यालय के प्रवक्ता प्रासेत्यो हादी ने कहा है कि, सरकार का मानना ​​है कि यह सही फैसला है कि क्षेत्रीय सरकारों को आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या लोगों से जश्न के दौरान आतिशबाजी न करने का अनुरोध करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, "यह सही है क्योंकि हमें एक देश के रूप में सहानुभूति और एकजुटता दिखानी चाहिए कि कुछ लोग ऐसे हैं जो आपदा से पीड़ित हैं."

बता दें कि इंडोनेशिया की सरकारी न्यूज एजेंसी अंतरा ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी कि बाली की राजधानी देनपसार में पुलिस ने नए साल की आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है. वहीं जकार्ता के गवर्नर ने पिछले हफ्ते कहा कि शहर में कोई आतिशबाजी का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की आतिशबाजी न करने का आग्रह किया है.

new year celebration
Advertisment