भारतीय मूल के लॉर्ड स्वराज पॉल ने दुनिया को कहा अलविदा, 94 की उम्र में ली आखिरी सांस

Lord Swaraj Paul Passes: भारतीय मूल के प्रसिद्ध ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल का गुरुवार, 21 अगस्त को लंदन में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी

Lord Swaraj Paul Passes: भारतीय मूल के प्रसिद्ध ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल का गुरुवार, 21 अगस्त को लंदन में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी

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Dheeraj Sharma
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Lord Swaraj Paul Death

Lord Swaraj Paul Passes: भारतीय मूल के प्रसिद्ध ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल का गुरुवार, 21 अगस्त को लंदन में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में अपने परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में उन्होंने अंतिम सांस ली.

भारतीयता की पहचान बनकर उभरे स्वराज पॉल

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स्वराज पॉल सिर्फ एक उद्योगपति नहीं बल्कि भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों की एक मजबूत कड़ी भी थे. वे कपारो ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के संस्थापक थे, जो ऑटोमोबाइल और स्टील उद्योग में वैश्विक पहचान रखता है. उनका जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा, जिसने उन्हें भारतीय प्रवासी समुदाय का एक प्रेरणास्रोत बना दिया. 

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा:

'श्री स्वराज पॉल जी के निधन से गहरा दुख हुआ। यूके में उद्योग, परोपकार और सार्वजनिक सेवा में उनके योगदान और भारत के साथ उनके अटूट समर्थन को हमेशा याद किया जाएगा. मुझे हमारी कई बातचीतें याद हैं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ॐ शांति.'

पीएम मोदी के इस संवेदनशील संदेश ने यह दर्शा दिया कि स्वराज पॉल केवल आर्थिक क्षेत्र तक सीमित नहीं थे, बल्कि वे भारत के वैश्विक हितों के सशक्त प्रतिनिधि भी थे. 

एक नजर पूरे सफर पर

1931 में जालंधर, पंजाब में जन्मे स्वराज पॉल ने अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत ब्रिटेन में की थी. अपने बेटे की बीमारी के चलते वे लंदन चले गए थे, लेकिन वहीं उन्होंने कपारो ग्रुप की नींव रखी. उनका व्यवसायिक कौशल और मेहनत ने उन्हें ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स तक पहुंचा दिया। वे वहां लाइफ पीयर बने और प्रवासी भारतीयों की आवाज़ को प्रभावशाली तरीके से रखा. 

परोपकार और सार्वजनिक सेवा में आगे रहे

स्वराज पॉल परोपकार के क्षेत्र में भी बेहद सक्रिय थे. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाईं. वे मानते थे कि "धन का असली उद्देश्य समाज की सेवा में होना चाहिए" — और उन्होंने इसी दर्शन को जीया .

युग का अंत

लॉर्ड स्वराज पॉल का निधन भारतीय मूल के वैश्विक उद्योगपतियों के लिए एक युग का अंत की तरह माना जा सकता है.  वे उन चुनिंदा लोगों में थे जिन्होंने अपनी जड़ों को कभी नहीं छोड़ा और जिनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत रहेगा. 

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