/newsnation/media/media_files/2025/05/04/wE69Fz0bH1StwLhhs2sq.jpg)
pakistan chennab river Photograph: (social media)
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत सख्त कदम उठा रहा है. पाकिस्तान के साथ 65 साल से अधिक चले सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया गया है. इसे कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत की ओर से उठाया गया सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है. अब भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध से पाकिस्तान को जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया है. झेलम नदी पर किशनगंगा बांध पर भी इस तरह का कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है.
किशनगंगा से भी रोकेगा पानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू के रामबन में बगलिहार और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा हाइड्रो पावर डैम के जरिए भारत अपनी ओर से पानी छोड़ते समय इसे नियंतत्रत कर सकता है. इस अर्थ है कि बिना किसी पूर्व चेतावनी के भारत पानी के फ्लो को कम कर सकता है. आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. इसके तहत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियां के पानी को दोनों देशों के बीच बांटने का निर्णय लिया गया. चिनाब नदी पर बना बगलिहार बांध भी दोनों पड़ोसी देशों के बीच लंबे समय से विवादों का मुद्दा रहा है. पाकिस्तान ने पूर्व में विश्व बैंक से इस मामले में मध्यस्थता की मांग की थी.
PAK के लिए अहम सिंधु समझौता
समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु सिस्टम की पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब और झेलम) पर नियंत्रण दिया गया है. पाकिस्तान सिंधु नदी सिस्टम के करीब 93 प्रतिशत पानी का उपयोग सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए करेगा. वहीं पड़ोसी देश करीब 80 प्रतिशत कृषि भूमि इसके पानी पर निर्भर करती है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान काफी अधिक है. यही कारण है कि समझौता स्थगित होने के बाद पाकिस्तान लगातार जंग की धमकी देने में लगा है.
सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद से पाकिस्तान संकट में है. उसके पास किसी तरह का विकल्प नहीं है. संधि में शामिल नदियां न सिर्फ फसलों, बल्कि शहरों, बिजली उत्पादन और लाखों लोगों की रोजी रोटी पर असर डाल रही है. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने समझौता स्थगित होने के बाद कहा था, 'सिंधु नदी में या तो हमारा पानी बहेगा, या उनका खून बहेगा.' इस बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. सिंधु नदी पाकिस्तान के लिए काफी अहम है.