संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को फिर दिखाया आईना, कहा- 'PoK में मानवाधिकार उल्लंघनों को रोके इस्लामाबाद'

India in UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर से पाकिस्तान को आईना दिखाया. साथ ही कहा कि इस्लामाबाद को पीओके में जारी भारी मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकना चाहिए.

India in UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर से पाकिस्तान को आईना दिखाया. साथ ही कहा कि इस्लामाबाद को पीओके में जारी भारी मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकना चाहिए.

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Suhel Khan
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India in UN

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को दिखाया आईना Photograph: (United Nations YouTube)

India in UN: भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आईना दिखाया. संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, पार्वथानेनी हरीश ने अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान से "अपने अवैध कब्ज़े वाले क्षेत्रों में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में, गंभीर और निरंतर मानवाधिकार उल्लंघनों" को समाप्त करने का आह्वान किया.

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पीओके में मानवाधिकार उल्लंघन रोकने का किया आह्वान

भारतीय राजदूत हरीश ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को 80वें संयुक्त राष्ट्र दिवस पर आयोजित खुली बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्ज़े वाले क्षेत्रों में गंभीर और निरंतर मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने का आह्वान करते हैं." उन्होंने कहा कि, "जहां की जनता पाकिस्तान के सैन्य कब्ज़े, दमन, क्रूरता और संसाधनों के अवैध दोहन के विरुद्ध खुले विद्रोह पर है."

मौलिक अधिकारों का प्रयोग पाकिस्तान के लिए विदेशी- भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत पार्वथानेगी हरीश ने एक बार फिर से दोहराया कि जम्मू और कश्मीर हमेशा "भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग" रहेगा. उन्होंने कहा कि, हालांकि इस क्षेत्र के लोग अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं, लेकिन ऐसी अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए "विदेशी" हैं. उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहता हूं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और हमेशा रहेगा. जम्मू और कश्मीर के लोग भारत की समय-परीक्षित लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं. हम निश्चित रूप से जानते हैं कि ये अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए अपरिचित हैं."

'बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में विश्वास रखता है भारत'

इसके साथ ही उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, विश्व को एक परिवार के रूप में देखने और सभी के लिए न्याय, सम्मान और समृद्धि की वकालत पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि, "यह न केवल एक ऐसा दृष्टिकोण है जो हमारे विश्वदृष्टिकोण का आधार है, बल्कि यही कारण है कि भारत ने सभी समाजों और लोगों के लिए न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि की निरंतर वकालत की है. यही वजह है कि भारत बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में अपना विश्वास रखता है."

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