पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर पहुंच चुका था. इस आतंकी हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया था. वहीं पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने भी पलटवार किया और युद्ध जैसे हालात बन गए. इस बीच आईएमएफ ने पाकिस्तान को अचानक एक मिलियन डॉलर का कर्ज दे दिया. इस फैसले ने भारत के साथ दुनिया के कई देशों को हैरान कर दिया. अब आईएमएफ ( अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने पलटी मारते हुए पाकिस्तान को अगली किश्त जारी करने से पहले 11 शर्तों पर अमल में लाने कहा है. आईएमएफ का कहना है कि कही वह इस फंड का दुरुपयोग तो नहीं हो जाएगा.
पाकिस्तान पर कुल शर्तें बढ़कर 50 तक हो गई हैं
आपको बता दें कि भारत के विरोध के बाद भी आईएमएफ ने बीते दिनों पाकिस्तान को बड़े कर्ज की मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद से भारत ने आईएमएफ के सामने कई सवाल उठाए. भारत का कहना था कि आतंकी देश को इस तरह का फंड देकर आतंकवाद को बढ़ावा देना है. आईएमएफ ने अपने बेलआउट पैकेज की अगली किश्त को जारी करने से पहले पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं. अब पाकिस्तान पर कुल शर्तें बढ़कर 50 तक हो गई हैं. आईएमएफ की ओर से पाक को साफ चेताया है कि अगर ये शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो फिर उसे अगली किश्त जारी नहीं होने वाली है. आईएमएफ ने मौजूदा 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए Climate Resilience Loan के लिए भी अतिरिक्त 1.4 अरब डॉलर की राशि की मंजूरी मिली है. मंजूरी मिलने के बाद IMF के खिलाफ दुनियाभर में नाराजगी थी.
पाकिस्तान पर इन शर्तों का डाला बोझ
IMF की ओर से पाकिस्तान पर नई शर्तों को थोपा गया है. इनमें रिकॉर्ड 17.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के संघीय बजट को संसद की मंजूरी मिली है. वहीं बिजली बिलों पर हाई सरचार्ज लगाए जाने की शर्त रखी है. इसके साथ वर्तमान में, पाकिस्तान के आयात नियमों के तहत केवल 3 साल तक पुरानी कारों के आयात की इजाजत दी गई है. इसे 5 साल करना शामिल है. इसके साथ सरकार को 2035 तक स्पेशल टेक जोन और इंडस्ट्रियल पार्कों को लेकर प्रोत्साहनों को खत्म करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया. ये रिपोर्ट साल के अंत तक पेश करनी है.