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कैरेबियाई देशों हैती और जमैका इस वक्त शक्तिशाली तूफान ‘हरीकेन मेलिसा’ की चपेट में हैं. लगातार हो रही भारी बारिश और तेज हवाओं ने इन देशों में तबाही मचा दी है. दोनों देशों को मिलाकर अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. यह तूफान कैटेगरी-5 का बताया जा रहा है, जो सबसे खतरनाक श्रेणी का होता है.
हैती में भारी तबाही, सैकड़ों लोग लापता
ANI की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैती के दक्षिणी हिस्से में लगातार बारिश और तेज हवाओं से कम से कम 25 लोगों की मौत हो चुकी है. नदियों का पानी शहरों और गांवों में घुस गया है, जिससे हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हैं और सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं. नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि पेटिट-ग्वावे शहर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कई घर और सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं. बचाव टीमें सीमित संसाधनों के बीच लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं.
Hurricane Melissa: 25 dead in Haiti after river burst banks
— ANI Digital (@ani_digital) October 29, 2025
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जमैका में बिजली ठप, हजारों लोग शरणार्थी शिविरों में
जमैका में भी ‘मेलिसा’ का असर भयंकर रहा. सेंट एलिजाबेथ इलाके में भूस्खलन और बाढ़ के चलते चार लोगों की मौत हो गई है. सरकार के अनुसार, 77 प्रतिशत इलाके में बिजली पूरी तरह ठप है. प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने बताया कि राहत और बचाव अभियान जारी हैं, लेकिन बिजली और संचार व्यवस्था को बहाल करने में समय लगेगा. लगभग 25,000 लोगों को राहत शिविरों में शरण दी गई है.
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, जमैका को इस तूफान से अब तक करीब 22 अरब डॉलर (करीब 1.83 लाख करोड़ रुपये) का आर्थिक नुकसान हो सकता है. यह आंकड़ा जमैका के सालाना GDP (20 अरब डॉलर) से भी ज्यादा है.
क्यूबा में सात लाख लोग शेल्टर में
क्यूबा के सैंटियागो प्रांत में भी तूफान ने भारी नुकसान पहुंचाया है. करीब 7 लाख 35 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कई अस्पताल और स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं. राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कनेल ने कहा है कि हालात बेहद गंभीर हैं और जैसे ही मौसम सुधरेगा, पुनर्वास कार्य शुरू किया जाएगा.
दुनिया ने जताई चिंता
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताई है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने राहत टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजने की घोषणा की है. वहीं, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने कहा कि राहत कार्यों के दौरान सभी एजेंसियों को मानवाधिकार मानकों का पालन करना चाहिए.
300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं
आपको बता दें कि ‘मेलिसा’ तूफान जब जमैका से टकराया, उस वक्त हवाओं की गति 300 किलोमीटर प्रति घंटे थी. इतनी तेज हवाएं बड़ी-बड़ी इमारतों को गिराने और बिजली व्यवस्था को पूरी तरह ठप करने में सक्षम हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘सदी का सबसे खतरनाक तूफान’ बताया है.
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