यमन के हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसके एक वाणिज्यिक जहाज पर समुद्र में बड़ा हमला किया है. हूती ग्रुप के अनुसार, यह हमला उस समय किया गया जब ‘इटर्निटी सी’ नामक कार्गो जहाज फिलिस्तीनी बंदरगाह उम्म अल-रशराश (इलात) की ओर बढ़ रहा था. हूती सैन्य प्रवक्ता ने दावा किया है कि इस इजराइली जहाज को पहले चेतावनी दी गई थी, लेकिन चालक दल ने उनकी चेतावनियों और रेडियो कॉल्स को नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद हूती नौसेना ने ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर जहाज पर हमला किया, जिससे वह पूरी तरह डूब गया.
6 लोगों को बचाया, 15 लापता
हूती ग्रुप ने दावा किया है कि हमले के बाद जहाज के 6 कर्मचारियों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन बाकी 15 लोग अब भी लापता हैं. राहत कार्य जारी है, हालांकि समुद्र में डूबे जहाज के कर्मियों की तलाश बेहद चुनौतीपूर्ण है.
समुद्री मार्गों पर लगाया प्रतिबंध
हूती विद्रोही पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि इजरायल और उसके सहयोगी देशों के किसी भी जहाज को यमन के जलक्षेत्र से गुजरने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा है कि यह प्रतिबंध अभी भी प्रभावी है और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में जवाबी कार्रवाई की जाएगी. हूती प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि लाल सागर और अरब सागर से इजरायली या इजरायल से जुड़े किसी भी जहाज की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा, जब तक गाजा पट्टी पर इजरायली हमले बंद नहीं होते और उस पर लगी नाकेबंदी नहीं हटा ली जाती.
गाजा हमलों के विरोध में समुद्र से जवाब
हूतियों की यह कार्रवाई गाजा में जारी इजरायली सैन्य अभियानों के विरोध में की जा रही है. हूती ग्रुप खुद को फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा बता रहा है और कह रहा है कि वह इजरायल पर दबाव बनाने के लिए समुद्री मार्गों को भी निशाना बनाता रहेगा.
अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ी
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार पर एक बार फिर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. विशेष रूप से लाल सागर और अरब सागर में सक्रिय जहाजों की सुरक्षा को लेकर कई देशों ने चिंता जताई है. विशेषज्ञों के मुताबिक यदि ऐसे हमले लगातार होते रहे, तो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर गंभीर असर पड़ सकता है.
(रिपोर्ट: सैयद उवैस अली)