हमास ने रविवार को फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों की रिहाई को स्थगित करने के इजरायली फैसले की निंदा की है. हमास का कहना है कि इजरायल का दावा पूरी तरह से निराधार है. इसमें किसी तरह की सच्चाई नहीं है. इजरायल का दावा है कि बंधकों को सौंपने वाला समारोह काफी अपमानजनक है. इस पर हमास का कहना है कि यह पूरी तरह से झूठ है और गाजा युद्ध विराम समझौते के तहत दायित्वों से बचने का बहाना मात्र है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने एक बयान में कहा कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का फैसला समझौते को जानबूझकर बाधित करने का प्रयास है.
यह समझौते की शर्तों का उल्लंघन है. इजरायल के पीएम ने रविवार को फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई स्थगित करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि जब तक हमास इजरायली बंधकों की रिहाई पर होने वाले अपमानजनक समारोह को बंद नहीं करता है तब तक इस पर रोक जारी रहने वाली है.
19 जनवरी को शुरू हुआ युद्ध विराम
आपको बता दें कि समझौते के तहत हमास ने 6 इजरायली बंधकों को रिहा किया है. इसके बदले उसे 602 फिलिस्तीनी कैदियों को उसी दिन रिहा करना था. मगर यहूदी राष्ट्र ने ऐसा बिल्कुल नहीं किया. दूसरी ओर हमास का कहना है कि ऐसा किसी तरह अपमान नहीं किया गया. उनके साथ मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार किया जा रहा है. युद्ध विराम 19 जनवरी को शुरू हुआ था. हमास ने अब तक 25 इजरायली बंधकों को रिहा किया है. इस दौरान बंधक हिशाम अल-सईद की रिहाई एक अपवाद रही. हमास ने इस दौरान कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया. उसने उन्हें रेडक्रॉस को सौंप दिया. हिशाम रिहा होने वाले पहले मुस्लिम इजरायली हैं. इससे पहले शनिवार सुबह हमास ने पांच बंधकों की धूमधाम से रिहाई की थी.
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को ऐलान किया था कि फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई स्थगित कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जब तक हमास इजरायली बंधकों की रिहाई के वक्त अपमानजनक समारोह बंद नहीं करता है तब तक यह रोक जारी रहने वाली है.