माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने सर्च इंजन में गूगल के दबदबे पर बेबाक राय रखी. उन्होंने कहा कि वह समय रहते इसके महत्व को समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि गूगल ने इंटरनेट पर सर्च इंजन के व्यवसाय को बड़े स्तर पर विकसित किया. नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने शुरुआत में यह सोचा था कि वेब हमेशा से डिसेंट्रलाइज्ड रहने वाला है. अलग-अलग वेबसाइट स्वतंत्र रूप से काम करेंगी. वे यह नहीं समझ पाए कि सर्च इंजन ही वेब का सबसे अहम बिजनेस मॉडल बनेगा.
उन्होंने कहा, हमने वेब पर सबसे बड़े बिजनेस मॉडल को समझने में चूक की है. हमने मान लिया था कि वेब सिर्फ स्वतंत्र रूप से बंटा रहने वाला है. नडेला ने एक साक्षात्कार में कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने सर्च इंजन की अहमियत को कम आंका था. वहीं गूगल ने इसे सही समय पर पहचान लिया. उन्हें सफलता मिली.
'गूगल ने इसे पहचान लिया'
नडेला ने कहा, कि यह कौन सोच सकता था कि सर्च इंजन वेब को व्यवस्थित करने का सबसे बड़ा तरीका बन जाएगा? उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट उस समय इसे समझ नहीं सका. वहीं गूगल ने इसे पहचान लिया. इसे बेहतरीन तरीके से लागू किया. उन्होंने कहा कि सिर्फ तकनीकी बदलाव को समझना काफी नहीं है. यह भी जानना जरूर है कि असली लाभ कहां पर मिलने वाला है.
नडेला ने कहा कि व्यापार के तरीकों में बदलाव लाने में नई तकनीक सीखने में अधिक कठिनाई होती है. उन्होंने अपने करियर में आए कई बड़े तकनीकी बदलावों को याद किया. इसमें मेनफ्रेम कंप्यूटर से पर्सनल कंप्यूटर तक का सफर है. इसके बाद क्लाइंट-सर्वर आर्किटेक्चर का विकास.
'दुनिया में कई तरह के बदलाव देखे'
उन्होंने वेब के उभरने पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि किस तरह से मोजेक और नेटस्केप जैसे ब्राउजर आने के बाद माइक्रोसॉफ्ट को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी. 1992 में सन माइक्रोसिस्टम्स में काम करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े नडेला ने तकनीकी दुनिया में कई तरह के बदलाव देखे हैं. शिक्षा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली. वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से एमबीए किया.