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Madagascar Coup (NN)
बांग्लादेश और नेपाल के बाद अब एक और देश में तख्तापलट हो गया है. GenZ प्रोटेस्ट ही इस बार भी तख्तापटल का कारण है. इस देश का नाम है मेडगास्कर. मेडगास्कर अफ्रीका का एक है. देश की मुख्य विपक्षी पार्टी का दावा है कि राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना देश छोड़कर भाग गए हैं. बता दें, मेडगास्कर में 25 सितंबर को पानी और बिजली की किल्लत की वजह से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था.
विपक्षी नेता सिटेनी रंद्रियाना सोलोनिको ने संसद में कहा कि सेना ने प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है, जिस वजह से राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं. वे वर्तमान में कहां हैं, अब तक इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है.
फ्रांसीसी विमान से देश छोड़ने का आरोप
मेडगास्कर प्रेसिडेंट ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रपति राजोएलिना रात 9:30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) देश को संबोधित करेंगे. कहा जा रहा है कि संबोधन से पहले ही राष्ट्रपति एक फ्रांसीसी विमान में बैठकर देश से फरार हो गए हैं. लोगों का दावा है कि फ्रांसीसी सेना का एक विमान रविवार को मेडागास्कर के सैंटे मैरी एयरपोर्ट पर देखा गया था. दरअसल, राष्ट्रपति ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एक समझौता किया था, जिस वजह से फ्रांस ने देश छोड़ने में उनकी मदद की.
सेना ने ही राष्ट्रपति का छोड़ा साथ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति का कंट्रोल तब छूटा, जब सेना ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया. सेना की सबसे ताकतवर स्पेशल यूनिट (CAPSAT) प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी हो गई. खास बात है कि ये वही यूनिट है, जिसने 2009 में हुए तख्तापलट के वक्त राजोएलिना को देश की कमान सौंपी थी.
नया सेना प्रमुख भी नियुक्त हुआ
CAPSAT यूनिट ने साफ कर दिया था कि वे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाएंगे. स्पेशल यूनिट ही प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देनी लगी. हालात तब अधिक बिगड़े, जब CAPSAT यूनिट ने ऐलान किया कि सेना का नियंत्रण अब वे करेंगे और उन्होंने अपने पक्ष का एक सेना प्रमुख भी नियुक्त कर दिया. रक्षा मंत्री ने इसकी मंजूरी भी दे दी.
Soldiers in Madagascar have rejected an order to shoot protesters!! Leadership pic.twitter.com/rxH6JTF84U
— African (@ali_naka) October 11, 2025
अर्धसैनिक बल ने भी दिया प्रदर्शनकारियों का साथ
CAPSAT यूनिट के अधिकारी खुद राजधानी की सड़कों पर उतर आए. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की. हालात तब और बिगड़े, जब अर्धसैनिक बल भी उनके साथ मिल गए.