Gaza Ceasefire: रमज़ान में गाजा पर हमले नहीं करेगा इजराइल, नेतन्याहू ने स्वीकार किया अस्थायी युद्धविराम प्रस्ताव

Gaza Ceasefire: रमज़ान के पवित्र महीने में इजराइल गाजा में हमले नहीं करेगा. इसके लिए इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ़ के अस्थाई युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमति जताई है.

Gaza Ceasefire: रमज़ान के पवित्र महीने में इजराइल गाजा में हमले नहीं करेगा. इसके लिए इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ़ के अस्थाई युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमति जताई है.

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Suhel Khan
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Benjamin Netanyahu on Ceasefire

नेतन्याहू ने रमजान में अस्थाई युद्धविराम प्रस्ताव पर लगाई मुहर Photograph: (Social Media)

Gaza Ceasefire: रमज़ान और फसह के दौरान गाजा में अस्थाई युद्धविराम प्रस्ताव पर इजराइल ने मुहर लगा दी है. इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इस बारे में घोषणा की है और कहा कि इजराइल ने रमज़ान और फसह की अवधि के दौरान गाजा में अस्थायी युद्धविराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ़ के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है.

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नेतन्याहू के कार्यालय ने किया एलान

गाजा में अस्थाई युद्धविराम को लेकर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि, "इजरायल ने मार्च के आखिर में खत्म होने वाले रमज़ान और अप्रैल के मध्य में आठ दिनों तक मनाए जाने वाले यहूदी पर्व फसह की अवधि के लिए अस्थायी संघर्ष विराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.

हमास और इजराइल के बीच जनवरी में हुआ था समझौता

इससे पहले जनवरी में भी हमास और इजराइल के बीच युद्धविराम का समझौता हुआ था. ये युद्धविराम 19 जनवरी को प्रभावी हुआ था. इस युद्धविराम का पहला चरण शनिवार (1 मार्च 2025) को समाप्त हो गया. इस समझौते के तहत हमास ने कई बंधकों को रिहा किया था जबकि इजराइल ने अपनी जेलों में बंद दर्जनों फिलिस्तानी कैदियों को हमास को सौंप दिया.

डर के साए में जी रहे गाजा के लोग

बता दें कि इस अस्थायी संघर्ष विराम का मकसद धार्मिक छुट्टियों के दौरान तनाव को कम करना है. हालांकि अभी तक इसे लेकर अधिक जानकारी नहीं मिली है. इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पवित्र माना जाता है. इस महीने में दुनियाभर के मुसलमान रोजा और प्रार्थना करते हैं. लेकिन गाजा में अभी भी दुख और अनिश्चितता का माहौल कायम है. क्योंकि इस इलाके में आज भी युद्ध की गूंज सुनाई देती है. युद्धविराम समझौते के बावजूद कई लोगों को डर है कि लड़ाई किसी भी समय फिर से शुरू हो सकती है.

गाजा के लोग आज भी नहीं भूले पुराने दिन

बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से संघर्ष चलता रहा है. इसमें सबसे ज्यादा गाजा प्रभावित हुआ है. गाजा में रहने वाले लोग आज भी पिछले संघर्षों को नहीं भूले हैं. 2014 में भी रमज़ान के महीने में इजराइल ने गाजा में हवाई हमले किए थे. उस समय हालात बेहद खराब थे, लोगों के पास खाने-पीने की चीजें खत्म हो गई थीं. ज्यादातर इलाकों में बिजली नहीं थी. उस समय में लोगों ने बेहद मुश्किल दौर देखा.

अक्टूबर 2023 से शुरू हुए हमले

हाल के सालों में भी गाजा में कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला है. जिसकी शुरुआत 7 अक्तूबर 2023 को हमास के इजराइल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुई. 7 अक्टूबर की रात हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया. इस हमले को देश के इतिहास में सबसे घातक हमला माना गया. हमास के लड़ाकों ने गाजा से इजराइली शहरों और कस्बों को निशाना बनाकर हजारों रॉकेट दागे गए. उसके बाद इजराइल ने गाजा में जमकर तबाही मचाई.

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