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श्रीलंका के पूर्व विदेश और वित्त मंत्री अली साबरी Photograph: (ANI)
Ditwah Cyclone: चक्रवात डिटवा से तबाह हुए इलाकों में अंतरराष्ट्रीय मदद की भूमिका को लेकर श्रीलंका के पूर्व विदेश और वित्त मंत्री अली साबरी ने बड़ा बयान दिया है. कोलंबो में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संकट के समय क्षेत्रीय देशों को नेतृत्व देने का सबसे सफल मॉडल भारत रहा है और यही भविष्य का टेम्पलेट होना चाहिए.
सबसे पहले भारत ने बढ़ाया था हाथ
साबरी ने याद दिलाया कि जब भी दक्षिण एशिया में बड़ी प्राकृतिक आपदाएं आईं, भारत सबसे पहले राहत और बचाव अभियान लेकर पहुंचा. उन्होंने कहा कि श्रीलंका जैसे छोटे द्वीपीय देशों के लिए यह नेतृत्व बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि बड़े संकट की घड़ी में किसी बड़े और विश्वसनीय देश का आगे आना तय करता है कि बाकी देश किस तरह जुड़ेंगे.
भारत हमेशा आगे रहता है
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा चक्रवात डिटवा प्रभावित क्षेत्रों के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सागर बंधु ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मानवता और क्षेत्रीय सुरक्षा के मामले में भारत सबसे आगे रहता है. उनके अनुसार, भारत की घोषणा के बाद अमेरिका सहित कई देशों ने तुरंत मदद की पेशकश की, जो यह दिखाता है कि भारत के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अधिक प्रभावी हो जाता है.
चक्रवात डिटवा से भारी तबाही
साबरी ने यह भी कहा कि आपदा आने के बाद श्रीलंका को तेजी से पुनर्निर्माण की जरूरत है और इस काम में भारत का अनुभव और संसाधन बहुत मूल्यवान साबित हो सकते हैं. उन्होंने माना कि छोटे देशों के पास हर बड़ी प्राकृतिक आपदा का सामना करने की क्षमता नहीं होती, इसलिए बड़े साझेदारों का समर्थन ही संकट से निपटने में निर्णायक भूमिका निभाता है.
चक्रवात डिटवा के चलते श्रीलंका के कई तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है. घर, सड़कें और मछुआरों की नावें नष्ट हो गईं, जबकि हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. ऐसे में भारत सहित अन्य देशों की मदद श्रीलंका के पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए जीवनरेखा बनकर उभर रही है.
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