सऊदी अरब ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विदेशी नागरिकों को देश में जमीन और प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति दे दी है. यह फैसला सिर्फ एक कानूनी बदलाव नहीं है, बल्कि ‘विजन 2030’ के तहत देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से बाहर निकालने और बहु-आयामी विकास की दिशा में एक अहम पहल है.
अब हर कोई खरीद पाएगा प्रॉपटी
अब विदेशी लोग, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, रियाद और जेद्दा जैसे प्रमुख शहरों में जमीन या फ्लैट खरीद सकेंगे. हालांकि मक्का और मदीना जैसे पवित्र धार्मिक स्थलों पर अभी भी विशेष प्रतिबंध लागू रहेंगे. यह तय करने की जिम्मेदारी सऊदी रियल एस्टेट जनरल अथॉरिटी को दी गई है कि किन क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोला जाएगा, और इसके लिए जल्द विस्तृत नियम भी जारी किए जाएंगे.
भारत के लिए क्यों है यह सुनहरा मौका?
सऊदी अरब में लाखों भारतीय पहले से काम कर रहे हैं और वहां की संस्कृति और व्यवस्था में रच-बस चुके हैं. ऐसे में अब उनके पास वहां संपत्ति खरीदकर आर्थिक सुरक्षा हासिल करने का सुनहरा मौका है. इसके अलावा भारत के रियल एस्टेट डेवलपर्स और निजी निवेशकों के लिए भी सऊदी बाजार में उतरने का यह एक बेहतरीन मौका साबित हो सकता है.
सऊदी नगर निगम और ग्रामीण मामलों के मंत्री माजिद अल होगेल ने इस फैसले को रियल एस्टेट क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार बताया है. उन्होंने ये भी कहा कि सऊदी नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए कानून में जरूरी सुरक्षा प्रावधान रखे गए हैं ताकि बाहरी निवेश से देश की आंतरिक स्थिरता प्रभावित न हो.
तेल से आगे की सोच
सऊदी अरब यह स्पष्ट संकेत दे चुका है कि वह अब केवल तेल और धार्मिक पर्यटन तक सीमित नहीं रहना चाहता. वह खुद को एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट हब के तौर पर स्थापित करना चाहता है. भारत जैसे देशों के लिए, जहां रियल एस्टेट सेक्टर काफी विकसित और प्रतिस्पर्धी है, यह मौका वैश्विक विस्तार और भागीदारी का नया दरवाजा खोल सकता है.
सऊदी का भविष्य क्या होगा?
सऊदी सरकार का यह फैसला न केवल वहां की आर्थिक सोच में बदलाव का संकेत है, बल्कि यह विदेशी निवेश, कारोबारी गतिविधियों और सामाजिक समावेश के एक नए युग की शुरुआत भी कर सकता है. भारत सहित दुनियाभर के निवेशकों के लिए अब सऊदी अरब सिर्फ एक काम की जगह नहीं, बल्कि एक संभावनाओं वाली भूमि बनता जा रहा है.
रिपोर्ट- सैयद उवैस अली