ढाका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, खालिदा जिया के बेटे को दिया पीएम मोदी का संदेश

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के निधन के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को बांग्लादेश पहुंचे. इस दौरान उन्होंने खालिदा जिया के बेटे को पीएम मोदी का खास संदेश भी दिया.

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के निधन के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को बांग्लादेश पहुंचे. इस दौरान उन्होंने खालिदा जिया के बेटे को पीएम मोदी का खास संदेश भी दिया.

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Dheeraj Sharma
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर से पूरे दक्षिण एशिया में शोक की लहर फैल गई. भारत ने इस दुखद अवसर पर बांग्लादेश के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और इसे दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों के संदर्भ में एक भावनात्मक क्षण बताया. भारत सरकार और भारतीय जनता की ओर से श्रद्धांजलि संदेश लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का ढाका दौरा इसी भावना को दर्शाता है.

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प्रधानमंत्री मोदी का संवेदना संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजे गए शोक पत्र में खालिदा जिया के राजनीतिक योगदान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को याद किया गया. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ढाका पहुंचकर यह संदेश बांग्लादेशी नेतृत्व को सौंपा और कहा कि भारत इस कठिन समय में बांग्लादेश के साथ मजबूती से खड़ा है. भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस राजनयिक पहल की जानकारी साझा की.

ढाका में राजनयिक सम्मान

डॉ. एस. जयशंकर बुधवार सुबह विशेष विमान से ढाका पहुंचे, जहां बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने उनका स्वागत किया. इस यात्रा को औपचारिकता से आगे बढ़कर एक संवेदनशील राजनयिक कदम माना गया, जो दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और सहयोग को दर्शाता है. इस दौरान खालिदा जिया के लंबे राजनीतिक जीवन और उनके लोकतांत्रिक योगदान को श्रद्धा के साथ स्मरण किया गया.

खालिदा जिया का राजनीतिक सफर

खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में गिनी जाती थीं. वह तीन बार देश की प्रधानमंत्री रहीं और लंबे समय तक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष रहीं. उनका राजनीतिक सफर चार दशकों से भी अधिक समय तक चला, जिसमें उन्होंने सत्ता की ऊंचाइयों के साथ-साथ कई कठिन चुनौतियों का सामना किया.

संयोग से राजनीति तक का सफर

खालिदा जिया का राजनीति में प्रवेश किसी पूर्व नियोजित योजना का परिणाम नहीं था. वर्ष 1981 में उनके पति और तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान की एक असफल सैन्य तख्तापलट में हत्या के बाद परिस्थितियों ने उन्हें सार्वजनिक जीवन में ला खड़ा किया. महज 35 वर्ष की उम्र में उन्होंने राजनीति की राह चुनी और लगभग एक दशक बाद बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.

विरासत और प्रभाव

हालांकि उनके राजनीतिक जीवन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे, फिर भी बांग्लादेश की लोकतांत्रिक राजनीति में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. समर्थकों और आलोचकों दोनों के लिए खालिदा जिया एक मजबूत, जुझारू और प्रभावशाली नेता के रूप में याद की जाएंगी, जिनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक चर्चा का विषय बनी रहेगी.

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