ईरान के कोयला खदान में विस्फोट हो गया. यह विस्फोट मीथेन रिसाव के कारण हुआ है. ईरानी मीडिया ने बताया कि मीथेन रिसाव के कारण खदान में काम करने वाले 30 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 17 लोग घायल हो गए. खदान में 24 लोग फंसे हुए हैं. ईरान के राष्ट्रपति ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मामले में हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं. घटना ईरान के पूर्वी शहर की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा राजधानी तेहरान से करीब 540 किलोमीटर दक्षिण-पूर्वी में स्थित शहर तबास के एक कोयला खदान में हुई. विस्फोट के बाद आपातकालीन कर्मियों को क्षेत्र में भेजा जा रहा था. विस्फोट के वक्त खदान में 70 लोग काम कर रह थे.
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क्या बोले ईरान के राष्ट्रपति
प्रांत के गवर्नर मोहम्मद जावेद केनात ने टीवी को बताया कि 30 मजदूरी की मौत हो गई है. 17 लोग घायल हैं. ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए. उन्होंने पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करने के लिए अधिकारियों को आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि घटना की जांच शुरू हो गई है.
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प्राकृतिक खजानों से भरा हुआ है ईरान
बता दें, ईरान एक तेल उत्पादक देश है. यहां तेल के साथ-साथ विभिन्न तरीके के खनिज हैं. ईरान में हर साल करीब 3.5 मिलियन टन कोयले की खपत है लेकिन ईरान अपनी खदान से महज 1.8 मिलियन टन कोयला ही निकालता है. बाकी कोयला ईरान आयात करता है. आयात कोयले का इस्तेमाल देश की स्टील मिलों में इस्तेमाल की जाती है.
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ईरान के खनन उद्योग में पहले भी हो चुके हैं हादसे
ईरान के खनन उद्योग की यह पहली आपदा नहीं है. साल 2013 में ईरान की दो अलग-अलग खदानों में 11 श्रमिकों की मौत हो गई थी. 2009 में 20 मजदूरों की मौत हो गई थी. 2017 में एक कोयला खदान में विस्फोट हो गया था, जिसमें करीब 42 लोगों की मौत हो गई थी. ईरान के खनन क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों में ढिलाई और आपातकालीन सेवाओं का अभाव है. इन्हीं अभावों को अकसर हादसों का दोषी माना जाता है.
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