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अफगानिस्तान में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके Photograph: (Freepic)
Earthquake Today: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार तड़के भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. ये भूकंप अफगानिस्तान में आया. हालांकि इसका असर दिल्ली तक देखने को मिला. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, बुधवार तड़के अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.9 दर्ज की गई. इस भूकंप का असर भारत के कई इलाकों में भी देखने को मिला और राजधानी दिल्ली में झटके महसूस किए गए.
75 किमी की गहराई में आया भूकंप
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, ये भूकंप जमीन के भीतर 75 किमी की गहराई में आया. जिसकी तीव्रता 5.9 दर्ज की गई. बता दें कि इतनी तीव्रता के भूकंप से तबाही मचने की आशंका रहती है, हालांकि भूकंप के केंद्र के पास सबसे ज्यादा तबाही मच सकती है. बुधवार तड़के आए इस भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार के जान या माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है.
EQ of M: 5.9, On: 16/04/2025 04:43:58 IST, Lat: 35.83 N, Long: 70.60 E, Depth: 75 Km, Location: Hindu Kush, Afghanistan.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) April 15, 2025
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बुधवार सुबह 4.43 बजे आया भूकंप
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में बुधवार सुबह 4.43 बजे (भारतीय समयानुसार) 5.9 तीव्रता का भूकंप आया है. इस संबंध में एनसीएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. जिसमें विभाग ने भूकंप के बारे में जानकारी दी.
प्राकृतिक आपदों के लिए बेहद संवेदनशील है अफगानिस्तान
संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवीय मामलों के समन्वय (UNOCHA) के मुताबिक, अफगानिस्तान मौसमी बाढ़, भूस्खलन और भूकंप समेत तमाम प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है. यूएनओसीएचए का कहना है कि अफगानिस्तान में लगातार आने वाले भूकंप से कमज़ोर वर्ग को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. जो पहले से ही लंबे संघर्ष और अपने विकास के लिए जूझ रहे हैं.
उनके पास इन झटकों से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधनों की काफी कमी है. रेड क्रॉस के अनुसार, अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है और हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला भूगर्भीय रूप से भूकंप के लिए सक्रिय इलाका माना जाता है, जहां हर साल कई भूकंप आते हैं. बता दें कि अफगानिस्तान, भारत और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच कई फॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जिसमें एक फॉल्ट लाइन सीधे हेरात से होकर गुजरती है.