Pakistan: पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. एक तरफ कंगाली से जूझ रहे भारत के इस पड़ोसी मुल्क को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने भी गहर जख्म दिया है. लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान में तबाही का अलर्ट आ गया है. जी हां पाकिस्तान के कराची में एक ही दिन में एक दो नहीं बल्कि 12 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इन झटकों के साथ ही ये खबर भी मिल रही है कि पाकिस्तान में भूकंप की फॉल्टलाइन एक्टिव हो गई है.
पाकिस्तान के कराची शहर में बीते रविवार रात से लेकर सोमवार तक लगातार धरती हिलती रही. कई इलाकों में लोगों ने भूकंप के हल्के-फुल्के झटके महसूस किए, जिससे नागरिकों में दहशत फैल गई. कराची जैसे घनी आबादी वाले शहर में, जहां पहले भूकंप की घटनाएं दुर्लभ रही हैं, वहां बार-बार कंपन ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश किसी बड़ी आपदा की ओर बढ़ रहा है?
क्या है कहता है पीएमडी
पाकिस्तान मौसम विभाग (PMD) के अनुसार, 1 और 2 जून के बीच कराची में कम से कम पांच भूकंप रिकॉर्ड किए गए. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि यह संख्या 12 तक हो सकती है. भले ही इनकी तीव्रता कम रही हो, लेकिन लगातार झटकों ने लोगों को आशंकित कर दिया है.
फॉल्टलाइन के सक्रिय होने से बढ़ी टेंशन
PMD के मुताबिक कराची के लांधी क्षेत्र के नीचे एक पुरानी फॉल्टलाइन मौजूद है जो फिलहाल सक्रिय हो चुकी है. बता दें कि जब कोई फॉल्टलाइन एक्टिव होती है, तो वह धीरे-धीरे जमीनी ऊर्जा को बाहर निकालती है, जिससे झटकों की एक श्रृंखला उत्पन्न होती है. आमतौर पर यह प्रक्रिया कुछ दिनों में शांत हो जाती है, लेकिन यह इस बात का संकेत भी हो सकती है कि भूगर्भीय गतिविधियों में परिवर्तन हो रहा है. ऐसे में जरा सी गड़बड़ी तबाही मचा सकती है.
तुर्किए जैसा खतरा?
2023 में तुर्किए में आए 7.8 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप ने पूरे विश्व को हिला दिया था. 53,000 से ज्यादा लोगों ने इस भूंकप में अपनी जान गंवा दी थी. वहीं लाखों लोग विस्थापन का दर्ज झेले थे. अब जब पाकिस्तान के कराची जैसे क्षेत्रों में बार-बार कंपन महसूस हो रहे हैं, तो यह चिंता स्वाभाविक है कि कहीं पाकिस्तान भी वैसी ही तबाही की ओर तो नहीं बढ़ रहा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
हालांकि विशेषज्ञ इस आशंका को पूरी तरह खारिज करते हैं. कराची की टेक्टोनिक प्लेट्स अपेक्षाकृत स्थिर मानी जाती हैं और यहां इतिहास में कोई बड़ा भूकंप रिकॉर्ड नहीं किया गया है. कराची को भूकंपीय खतरे के जोन-3 में रखा गया है, जो मध्यम स्तर का खतरा दर्शाता है.
सुनामी का कितना खतरा है?
कराची में सुनामी की संभावना बेहद कम है क्योंकि यह क्षेत्र अरब और यूरेशियन प्लेट्स के टकराव से दूर है, इसके करीब बलूचिस्तान के समुद्री इलाकों में जहां ये प्लेट्स मिलती हैं, वहां सुनामी की आशंका बनी रहती है.
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