अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के फैसले को लेकर दोबारा बदलाव किया है. इससे पहले ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी देशों पर 90 दिनों तक के लिए टैरिफ पर पॉज लगाया था. अमेरिका ने अब इलेक्ट्रॉनिक सामानों जैसे स्मार्टफोन्स, लैपटॉप और चिप्स को टैरिफ की कैटेगरी से बाहर किया है. इसका अर्थ है इन सामानों पर अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया जाएगा. अमेरिका के इस निर्णय से एपल, सैमसंग जैसी कंपनियों को लाभ होगा.
अमेरिका में स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्स पर टैरिफ लगाने से इनके दाम बढ़ने की संभावना थी. इस तरह से इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को नुकसान होता. यही मार अमेरिका को भी झेलनी पड़ती. अमेरिका ने स्मार्टफोन, लैपटॉप और सेमीकंडक्टर पर जवाबी टैरिफ हटाने का निर्णय लिया है.
ट्रंप का यू-टर्न
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के कारण फाइनेंशियल एक्सपर्ट की ओर से चेतावनी भी मानी जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर टैरिफ लगाने से केवल दाम बढ़ने वाला है, बल्कि अमेरिकी टेक कंपनियों को काफी नुकसान होने वाला है.
बड़ी कंपनियां एपल और डेल जैसी कंपनियां अपने उत्पाद चीन और अन्य एशियाई देशों में बनाती है. टैरिफ से इनके दाम बढ़ने का डर था. इसका असर अमेरिकी लोगों पर देखने को मिलेगा. इसके साथ सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री ने भी ट्रंप प्रशासन पर इसे वापस लेने की मांग की थी. चिप्स की कमी पहले से ही दुनिया की समस्या के तौर देखी जाती है. नए टैरिफ से यह संकट और बढ़ेगा.
किन सामनों पर नहीं लगेगा जवाबी शुल्क
अमेरिका ने इलेक्ट्रॉनिक सामानों की लिस्ट जारी की है. इस पर जवाबी शुल्क हटाया गया है. ये इस प्रकार है. ऑटोमैटिक डाटा प्रोसेसिंग मशीन, मशीनों में लगने वाले इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे, स्मार्टफोन्स, राउटर और स्विच NAND फ्लैश मेमोरी, माउंटेड पीजोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल, ट्रांजिस्टर है.