Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘टैरिफ वॉर' छेड़ रखी हैं. उन्होंने सत्ता संभालते ही मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगा दिया. उनका अगला टारगेट भारत भी हो सकता है. इसकी वजह है कि पहले भी ट्रंप भारत पर भारी टैरिफ लगा चुके है. उन्होंने भारत से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. 2018 में ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान एल्युमिनियम और स्टील पर उच्च टैरिफ लगाया था. इसका असर भारत समेत कई देशों पर दिखाई दिया था. वहीं इसके जवाब में भारत ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाया था.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में वोटिंग मशीनों की 'गड़बड़ी' रोकने अरविंद केजरीवाल ने बताया फॉर्मूला, मतदान के बाद ये 6 जानकारी वेबसाइट पर करेंगे ओपन
अब ऐसा सवाल उठ रहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भी टैरिफ लगाते हैं तो इसका क्या असर होने वाला है? इससे भारत को ही नहीं बल्कि अमेरिका को भी नुकसान होगी. विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने से दोनों देशों के रिश्तों पर भी असर होगा.
व्यापार में संतुलन बिगड़ेगा
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 119.71 अरब डॉलर का रहा है. इसमें भारत को करीब 35.31 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस है. ट्रेड सरप्लस का अर्थ है कि देश के निर्यात का मूल्य उसके आयात मूल्य से अधिक है. अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ा देता है तो व्यापार संतुलन बिगड़ेगा. इससे कई भारतीय उद्योगों के लिए चुनौतियां उत्पन्न होंगी.
अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम करें: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम करे. ज्यादा से ज्यादा सामान उससे खरीदा जाए. हाल ही में ट्रंप की बातचीत पीएम मोदी से हुई. इस दौरान व्हाइट हाउस की ओर से बयान आया कि राष्ट्रपति ने भारत की ओर से अमेरिकी निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद को बढ़ावा देने के साथ निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध को मजबूत करने पर जोर दिया है.
टैरिफ बढ़ाने से भारत पर ये होगा असर
टैरिफ बढ़ता है तो भारतीय आईटी, कपड़ा, दवा और ऑटोमोबाइल उद्योगों को काफी नुकसान होने की संभावना है. इन सेक्टरों में अमेरिकी बाजार से निर्यात काफी है. उद्योगों में उत्पादन कम होने से रोजगार में कमी आने वाली है.
क्या होगा अमेरिका को नुकसान?
अमेरिकी उपभोक्ताओं को आयातित वस्तुओं पर बढ़े टैरिफ की वजह से ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ सकती है. इस तरह से खर्च में तेजी आएगी. यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक होगी. भारत भी टैरिफ लगाता है तो अमेरिकी उत्पादों की बिक्री पर असर होगा. खासतौर पर ऑटोमोटिव पार्ट्स और स्टील से जुड़े कारोबार को नुकसान होगा.