सोशल मीडिया-गेमिंग और वेबसीरीज पर लगाम लगाने के मूड में चीनी सरकार, बच्चों की सेहत और पढ़ाई पर पड़ रहा है असर

चीन में बढ़ते स्क्रीन टाइम से बच्चों पर असर पड़ रहा है. इसे देखते हुए सरकार ऑनलाइन कंटेंट और गेमिंग पर नए प्रतिबंध लगाने की प्लानिंग कर रही है.

चीन में बढ़ते स्क्रीन टाइम से बच्चों पर असर पड़ रहा है. इसे देखते हुए सरकार ऑनलाइन कंटेंट और गेमिंग पर नए प्रतिबंध लगाने की प्लानिंग कर रही है.

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Jalaj Kumar Mishra
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Chinese Govt Planning to restrict Social Media Gaming and Web Series

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चीन में युवाओं के बीच इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. अब चीनी सरकार इसी चीज पर ब्रेक लगाने के मूड में आ गई है. चीनी अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा स्क्रीन टाइम से बच्चों की शारीरिक सेहत और पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

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दरअसल, हाल ही में चीन में वार्षिक राजनीतिक बैठक हुई थी. बैठक में चीनी पूर्व बास्केटबॉल प्लेयर याओ मिंग ने ये प्रस्ताव रखा था. उन्होंने बैठक में कहा था कि बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद करने के लिए और बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करने की बात की गई है. उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगाने और ऑनलाइन कंटेट पर नियंत्रण बढ़ाने का सुझाव दिया गया था.  

पहले भी लग चुके हैं प्रतिबंध 

साल 2020 में चीन में माइनर्स प्रोटेक्शन लॉ में संशोधन किया गया था. इसके मदद से सरकार ने सोशल मीडिय प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए निर्देश दिए थे. इसके अलावा, 2021 में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को रात 10 बजे से सुबह आठ बजे तक गेम खेलने से मना किया गया था. माइनर्स को वीक डेज में सिर्फ एक घंटे और वीकेंड में दो घंटे गेम खेलने की इजाजत दी गई थी. 

सरकारी नियमों का आसानी से धज्जियां उड़ा रहे हैं बच्चे

बता दें, साल 2024 में चीनी नए साल के मौके पर Tencent Games ने 32 दिनों में कुल 15 घंटे गेम खेलने की सीमा तय कर दी थी. हालांकि, बच्चे आसानी से सरकार के इन नियमों को बायपास कर लेते हैं. वे अपने माता-पिता और व्यस्क भाई-बहन के अकाउंट्स का इस्तेमाल करके बहुत आसानी से सरकार के नियमों को हवा में उड़ा देते हैं. 

प्रस्ताव पर क्या बोले एक्सपर्ट्स

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व मीडिया पेशेवर आ कियांग का मानना है कि व्यवहारिक रूप से सरकार के ये प्रस्ताव प्रभावी नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि समस्या इंटरनेट की लत नहीं है. बल्कि बच्चों पर पढ़ाई और माता-पिता की उम्मीदों का भारी दबाव है. कियांग का कहना है कि ऑफलाइन जीवन में जब तक सुधार नहीं होगा, तब तक ऑनलाइन सीमाएं काम नहीं करेंगी.

 

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