अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए ट्रैरिफ को लेकर सभी देश रणनीति तैयार कर रहे हैं. मगर चीन के लिए घरेलू चुनौतियां बनी हुई हैं. कमजोर खपत के बीच प्रॉपर्टी सेक्टर में धीमी तेजी. गुरुवार को आई एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई कि चीन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 2024 में 5 प्रतिशत रही, वहीं 2023 में यह 5.4 प्रतिशत थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के लिए घरेलू स्तर पर दो प्रमुख चुनौतियां अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रही हैं. प्रॉपर्टी सेक्टर में काफी परेशानियां देखी जा रही है. रियल एस्टेट फिक्स्ड एसेट निवेश में भी लगभग 11 प्रतिशत की गिरावट आई. यह लगातार तीसरे वर्ष में भी सिकुड़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन में उपभोक्ताओं का विश्वास गिरता जा रहा है. इस गिरावट को ऐतिहासिक माना जा रहा है. यह कोविड की दूसरी लहर के बाद से ठीक होने में विफल रहा है.
लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रॉपर्टी सेक्टर में मंदी के कारण लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ है. युवाओं में बेरोजगारी भी काफी अधिक है. इन सब वजहों से ग्राहक खरीदारी करने में हिचकिचा रहे हैं. ऐसे में खपत कमजोर बनी हुई है. इसका वास्तविक जीडीपी में योगदान कम हो रहा है. इस कमजोर खपत की वजह से बीते वर्ष उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति औसतन केवल 0.3 प्रतिशत ही रही.
2024 में चीन के नीति निर्माताओं ने अर्थव्यवस्था को समर्थन देने को लेकर प्रोत्साहन प्रयास किए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन मौद्रिक और राजकोषीय उपायों की बढ़ोतरी को सार्थक रूप से बढ़ावा देने की क्षमता अभी भी देखी जानी है. दिसंबर पोलित ब्यूरो की बैठक के दौरान चीन के नीति निर्माताओं ने 2025 में मध्यम रूप से थोड़ी ढीली मौद्रिक नीति और अधिक सक्रिय राजकोषीय नीति को लागू करने को लिए प्रतिबद्धता जताई है.
दीर्घकालिक उपभोग बढ़ोतरी को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त नहीं
रिपोर्ट जानकारी दी है कि मौजूदा उपभोक्ता वस्तुओं का व्यापार कार्यक्रम दीर्घकालिक उपभोग बढ़ोतरी को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त नहीं है. अधिक स्थिर उपभोग-संचालित वृद्धि को हासिल करने में चीन को अपनी रोजगार हालात को सुधारना होगा. अपने सामाजिक सुरक्षा जाल को काफी मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा. रिपोर्ट की मानें तो 2025 में एडिशनल टैरिफ से चीन की जीडीपी वृद्धि को लगभग 0.25 पीपी का असर हुआ है.