US पेंटागन की रिपोर्ट पर भड़का चीन, बोला- दिल्ली और बीजिंग के बीच रिश्ते हैं स्थिर

चीन ने US पेंटागन की उस रिपोर्ट को खारिज किया है जिसमें बीजिंग पर भारत के साथ सीमा तनाव कम कर US-India संबंध कमजोर करने का आरोप लगाया गया था. चीन ने कहा कि भारत-चीन सीमा स्थिति स्थिर है और अमेरिका गलत नैरेटिव फैला रहा है.

चीन ने US पेंटागन की उस रिपोर्ट को खारिज किया है जिसमें बीजिंग पर भारत के साथ सीमा तनाव कम कर US-India संबंध कमजोर करने का आरोप लगाया गया था. चीन ने कहा कि भारत-चीन सीमा स्थिति स्थिर है और अमेरिका गलत नैरेटिव फैला रहा है.

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Ravi Prashant
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Foreign Ministry spokesman Lin Jian

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान Photograph: (X/@ChinaDaily)

चीन ने गुरुवार को US रक्षा विभाग यानी पेंटागन की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें बीजिंग पर आरोप लगाया गया था कि वह भारत के साथ सीमा तनाव में कमी का उपयोग US-India संबंधों को कमजोर करने के लिए कर रहा है और साथ ही पाकिस्तान के साथ अपने रक्षा संबंधों को गहरा कर रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को झूठे नैरेटिव पर आधारित बताते हुए कहा कि इसका मकसद देशों के बीच फूट डालना है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पेंटागन की रिपोर्ट चीन की रक्षा नीति को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है और अन्य देशों के साथ उसके संबंधों में अविश्वास पैदा करने का प्रयास करती है. उन्होंने कहा कि चीन इस रिपोर्ट का कड़ा विरोध करता है और इसे अमेरिका की सैन्य सर्वोच्चता बनाए रखने का बहाना बताया.

अरुणाचल प्रदेश पर दावे का मुद्दा

US रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को अपनी विस्तारित “कोर इंटरेस्ट्स” में शामिल किया है. रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने इस भारतीय राज्य को ताइवान और प्रमुख समुद्री विवादों के समान रणनीतिक महत्व की श्रेणी में रखा है. इस आकलन को चीन ने निराधार और भ्रामक बताया.

रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया कि अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर शेष गतिरोध स्थलों से पीछे हटने के लिए एक समझौते की घोषणा की थी. यह घोषणा BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से ठीक दो दिन पहले हुई थी.

भारत-चीन संबंधों पर चीन का रुख

चीन के अनुसार, वह भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखता है. लिन जियान ने कहा कि बीजिंग संवाद मजबूत करने, आपसी विश्वास बढ़ाने, सहयोग को प्रोत्साहित करने और मतभेदों को सही तरीके से संभालने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ एक स्थिर और संतुलित द्विपक्षीय संबंध चाहता है.

LAC की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सीमा विवाद भारत और चीन के बीच का मामला है और मौजूदा सीमा स्थिति सामान्य रूप से स्थिर है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देशों के बीच संवाद के चैनल सुचारु रूप से काम कर रहे हैं और तीसरे देशों की गैर-जिम्मेदार टिप्पणियों का चीन विरोध करता है.

चीन-पाकिस्तान सैन्य सहयोग पर आरोप

पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि चीन पाकिस्तान में एक संभावित सैन्य अड्डा स्थापित करने पर विचार कर रहा है और दोनों देशों के बीच रक्षा व अंतरिक्ष सहयोग बढ़ रहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने कहा कि यह रिपोर्ट चीन के आंतरिक मामलों में गंभीर हस्तक्षेप है.

झांग ने कहा कि US रिपोर्ट ने चीन की राष्ट्रीय रक्षा नीति की गलत व्याख्या की है और उसके सैन्य विकास को लेकर निराधार अटकलें लगाई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका तथाकथित “चीनी सैन्य खतरे” को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रहा है.

अमेरिका से चीन की अपील

चीन ने अमेरिका से अपील की कि वह झूठे नैरेटिव गढ़ना बंद करे और टकराव तथा विरोध को बढ़ावा देने वाली नीतियों से बचे. बीजिंग का कहना है कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए जिम्मेदार और संतुलित दृष्टिकोण अपनाना सभी देशों के हित में है.

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