बांग्लादेश में हाल के दिनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं. इनके खिलाफ यौन हिंसा में इजाफा हुआ है. इसे लेकर छात्रों ने अंतरिम सरकार की नाकामी पर विरोध प्रदर्शन किया है. रविवार को ढाका के कई प्रमुख कॉलेजों और विश्वविद्यालयों जैसे जगन्नाथ विश्वविद्यालय, ईडन कॉलेज, गवर्नमेंट टिटुमिर कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ लिबरल आर्ट्स बांग्लादेश (यूएलएबी) और बीआरएसी विश्वविद्यालय में विरोध मार्च निकाला गया.
छात्रों ने यहां पर नारे लगाए. अपराधों को रोकने में प्रशासन की नाकामी को लेकर छात्रों ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार से इस्तीफा देने की मांग रखी है. छात्रों ने बीते 48 घंटों में हुए रेप के मामलों की चिंताजनक संख्या पर सरकार की कड़ी आलोचना की है. इसे अराजकता बताया गया है.
तत्काल कार्रवाई की मांग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ढाका में एक विश्वविद्यालय की छात्रा का कहना है बलात्कार के बढ़ते मामलों की वजह से हमें बाहर जाने में भय लग रहा है. यहां तक कि विश्वविद्यालय जाने में असुरक्षा महसूस हो रही है. हम सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं.
हिंसा के आंकड़े सितंबर 2024 से अब तक काफी बढ़े हैं
बांग्लादेश महिला परिषद की रिपोर्ट में महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ हिंसा के आंकड़े सितंबर 2024 से अब तक काफी बढ़े हैं. रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में तेजी देखी गई है. इन मामलों में यौन हिंसा की शिकार पांच लड़कियों और नौ महिलाओं ने आत्महत्या कर ली. कई मामलों में अपराधियों ने महिलाओं की हत्या भी कर डाली.
बांग्लादेश महिला परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर माह में कुल 200 लड़कियों को विभिन्न प्रकार की हिंसा को झेलना पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 में कुल 205 लड़कियों के साथ हिंसा की वारदातें हुई हैं. वहीं दिसंबर में यह संख्या 163 थीं. बांग्लादेश में जब से तख्तापलट हुआ है, यहां पर हिंसा का दौर जारी है. खासकर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के कई मामले सामने आ चुके हैं. शेख हसीना इस समय भारत में हैं. भारत इन मामालों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.