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शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 2025 समिट में बहुत कुछ हुआ राजनीतिक चर्चा, वैश्विक मुद्दों पर विचार और कूटनीतिक दांव-पेंच, लेकिन इन सबके बीच एक दृश्य ऐसा भी था जिसने सभी मीडिया कैमरों और विश्लेषकों का ध्यान खींचा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही कार में सवार होकर बैठक स्थल रिट्ज-कार्लटन होटल पहुंचे. यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि राजनीतिक संदेशों से भरी कूटनीतिक चाल थी, जो साफ तौर पर दर्शा रही थी कि भारत और रूस के रिश्ते मजबूत हैं बावजूद अमेरिका के बढ़ते दबाव और व्यापारिक तनावों के. लेकिन यहां कूटनीति से ज्यादा हम बात कर रहे हैं उस कार की जिसमें पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की. आइए जानते हैं कि इस कार की खूबियां.
कौन-सी कार में बैठे थे मोदी और पुतिन?
इस ऐतिहासिक सफर में दोनों नेता जिस कार में बैठे, वह थी रूस की Aurus Senat Limousine. यह वही शानदार बुलेटप्रूफ गाड़ी है जो आमतौर पर पुतिन की आधिकारिक राष्ट्रपति वाहन के रूप में जानी जाती है. अपने अलास्का दौरे पर भी पुतिन अपने साथ इसी कार को लेकर गए थे.
Aurus Senat को रूस की NAMI इंस्टीट्यूट की ओर से डिजाइन और विकसित किया गया है. कार की विशेषताएं:
- फुली आर्मर्ड (बख्तरबंद) – गोलियों और धमाकों से सुरक्षित
- रेट्रो-लुक के साथ अत्याधुनिक तकनीक
- तीन वर्जन: Senat Standard, Senat Long और Senat Limousine
- कार को एक ही स्टील के टुकड़े से तैयार किया गया है, कार में कोई भी कट नहीं
- कार को स्टील के साथ सिरेमिक्स, एल्यूमिनियम जैसी धातुओं से मजबूत बनाया गया
- बुलेट प्रूफ ताकत, इस कार को ड्रैगुनोव स्नाइपर राइफल की 7.62 एमएम की गोली भी नहीं भेद सकती
- इस कार को वीआर10 मानक की रेटिंग प्राप्त है, जो बताती है इसका सुरक्षा कवच कितना मजबूत
- कार के शीशे 6 सेंटीमीटर से ज्यादा मोटाई वाले है जो बुलेट प्रूफ हैं.
- कार के दरवाजों से न तो गोलियां और न ही कोई रसायन या फिर बम के टुकड़े घुस सकते हैं
- बम और विस्फोटक का भी इस कार पर कोई असर नहीं
- आईईडी हो या फिर ग्रेनेड कोई भी बम इस कार का बाल भी बांका नहीं कर सकता
- इस कार कार का वजन 7200 किलोग्राम तक है, इस वजन के साथ ये 0 से 100 किमी रफ्तार 6 सेकंड में पकड़ लेती है
- कार के टायर ऐसे डिजाइन हैं कि फटने के बाद भी वह कार को 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ा सकते हैं
- कार के पेट्रोल टैंक में भी एक खास पॉलिमर लगा है, जो नुकसान होने पर खुद ठीक हो जाता है.
- किसी भी तरह के केमिकल वेपन का असर नहीं होता
- कार के अंदर बैठे लोग बाहर खड़े लोगों से बिना दरवाजा या खिड़की खोले बात कर सकते हैं. इंटरकॉम सर्विस के जरिए
- यही नहीं अंदर बैठे लोग सीसीटीवी इंटीग्रेशन के जरिए बाहर का पूरा नजारा आसानी से देख सकते हैं.
सिक्योर कम्युनिकेशन सिस्टम
औरस सेनट में एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो इससे कम्युनिशेन को बेहद सिक्योर बनाता है. यानी इसके अंदर से आप किससे बात कर रहे हैं उसे ट्रैक करना बेहद मुश्किल है. इसके इस कार के टेक सिस्टम को साइबर हमले से भी हैक करना मुमकिन नहीं है. इस कार को चलाने वाले भी खास कमांडो होते हैं. कोई आम ड्राइवर इसे नहीं चलाता.
राष्ट्रपति पुतिन हमेशा इसे विदेश यात्राओं में साथ लाते हैं
चीन में इस कार पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी थी, जो यह दर्शाता है कि यह यात्रा न केवल औपचारिक थी, बल्कि खास कूटनीतिक उद्देश्य से भी प्रेरित थी. अलास्का में भी जब पुतिन और ट्रंप की बात हुई थी तब भी ट्रंप की टीम अपने काफिले में इसी कार को साथ लेकर गई थी.
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