Big News: इस मुस्लिम देश में महिलाओं के चेहरे ढंकने पर लगी रोक, नहीं पहन सकेंगी हिजाब

मुस्लिम समुदाय में महिलाओं को लेकर कई तरह के सख्त नियम हैं. इन्हीं में से एक है चेहरा छिपाना. मुस्लिम महिलाएं हिजाब में नजर आती हैं. लेकिन एक मुस्लिम देश ने अब अपने यहां हिजाब पर रोक लगा दी है. इसको लेकर कानून को भी मंजूरी दे दी गई है.

मुस्लिम समुदाय में महिलाओं को लेकर कई तरह के सख्त नियम हैं. इन्हीं में से एक है चेहरा छिपाना. मुस्लिम महिलाएं हिजाब में नजर आती हैं. लेकिन एक मुस्लिम देश ने अब अपने यहां हिजाब पर रोक लगा दी है. इसको लेकर कानून को भी मंजूरी दे दी गई है.

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Dheeraj Sharma
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Hizab Ban in Kazhakhastan

Big News: आमतौर पर मुस्लिम देशों में महिलाओं को लेकर कई तरह के कड़े नियम देखने को मिलते हैं. खास तौर पर मुस्लिम समुदाय महिलाओं का चेहरा नहीं दिखाते. यही वजह है कि उन्हें ज्यादातर हिजाब में ही रखा जाता है. लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जी हां अब एक मुस्लिम देश ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने देश में महिलाओं के लिए हिजाब पर बैन लगा दिया है. आपने सही पढ़ा इस देश में अब महिलाओं के चेहरे छिपाने पर रोक लगा दी गई है. कहां हुआ है ऐसा और क्यों हुआ है आइए जानते हैं. 

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किस देश में हिजाब पर लगा बैन

बता दें कि इस्लामिक देश कजाखस्तान में यह बड़ा फैसला लिया गया है.  यह निर्णय न केवल उसकी संस्कृति और पहचान को संजोने का प्रयास है, बल्कि सुरक्षा और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के बीच संतुलन बनाने की कोशिश भी है. यहां पर महिलाओं को चेहरा छिपाने पर रोक लगा दी गई है. 

कानून को दी गई मंजूरी

मुस्लिम बहुल देश कजाखस्तान ने एक अहम और चर्चा में रहने वाला कदम उठाया है. देश के प्रधानमंत्री कासिम जोमार्ट तोकायेव ने उस कानून को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब कोई भी नागरिक चेहरा ढककर सार्वजनिक स्थलों पर नहीं जा सकेगा.  इस फैसले का सीधा असर हिजाब या नकाब पहनने वाली महिलाओं पर पड़ेगा, हालांकि कानून में किसी धर्म या विशेष परिधान का नाम नहीं लिया गया है. 

क्या है इसके पीछे सरकार का तर्क 

इस बड़े फैसले के पीछे सरकार का तर्क है कि सार्वजनिक स्थानों और सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों में फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जरूरी है, लेकिन चेहरा ढकने से यह तकनीक प्रभावी रूप से काम नहीं कर पाती, जिससे सुरक्षा में बाधा आती है.

इन परिस्थितियों में ढक सकते हैं चेहरा

बता दें कि सरकार की ओर से कुछ खास परिस्थितियों में महिलाओं को चेहरा ढकने की अनुमति दी है. इनमें मौसम की स्थिति, बीमारी या खेलों के दौरान चेहरा ढक की सीमित इजाजत दी गई है.

सोवियत विरासत और कजाख पहचान

बता दें कि कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे कजाखस्तान में लंबे समय से यह चर्चा रही है कि देश को अपनी मूल कजाख संस्कृति को प्राथमिकता देनी चाहिए. पीएम तोकायेव ने इस कदम को ‘कजाख पहचान को मजबूत करने’ की दिशा में अहम बताया है.  उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को काले और चेहरे को ढकने वाले कपड़ों के बजाय कजाख पारंपरिक वस्त्र पहनने चाहिए.

सकारात्मक पहल या व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर चोट?

सरकार के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रगतिशील कदम माना जा रहा है, लेकिन देश के भीतर इसकी मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कई लोग इसे एक तरह का ड्रेस कोड थोपना मानते हैं और कह रहे हैं कि नागरिकों को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी होनी चाहिए.

हिजाब बैन पर पहले भी उठा था विवाद

2023 में अतयारु क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में यह मामला सुर्खियों में आ चुका है. करीब 150 छात्राओं ने स्कूल आने से मना कर दिया था क्योंकि उन्हें हिजाब पहनने से रोका गया था. उस समय भी यह मुद्दा सामाजिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया था.

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