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Bangladesh Violence Reason
Bangladesh Violence: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लंबे प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद कई सावल खड़े हो रहे हैं, जैसे- क्या सिर्फ छात्रों के प्रदर्शन के कारण किसी प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ सकता है? आखिर छात्रों का प्रदर्शन इतना उग्र कैसे हो गया? क्या छात्रों का प्रदर्शन वर्षों से सत्ता में काबिज बांग्लादेश की सत्तारूढ़ पार्टी को हिला सकता है? बांग्लादेश के सूत्रों का मानना है कि इस प्रदर्शन के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. यह जानने से पहले यह जानिए कि आखिर बांग्लादेश में हिंसा भड़की क्यों…
बता दें, रविवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. इस दौरान हिंसा में करीब 300 लोगों की मौत हो गई थी. बांग्लादेश में पुलिस और छात्रों के बीच लंबे समय से प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शन का मुख्य कारण है- आरक्षण. छात्र बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ एकजुट हैं. दरअसल, बांग्लादेश में नियम है कि 1971 में आजादी की लड़ाई लड़े लोगों को नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. छात्रों का कहना है कि इस आरक्षण का लाभ सिर्फ सत्तारूढ़ दल के जुड़े लोगों को मिल रहा है.
शेख हसीना ने छात्रों को कहा- आतंकवादी
एक दिन पहले, हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने आवास पर राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई थी. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती दिखाई थी. उन्होंने कहा था कि देश की संप्तत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. यह छात्र नहीं आतंकवादी है. ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.
पाकिस्तान सरकार कर रही है जांच
क्या बांग्लादेश की हिंसा में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान सेना का हाथ है…इस सवाल पर सूत्रों द्वारा कहा जा रहा है कि कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में छात्र शिविर नाम के एक संगठन ने हिंसा को भड़काया है. यह संगठन जमात-ए-इस्लामी की एक शाखा है. खास बात है कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में प्रतिबंधित है. बांग्लादेश के सुरक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन है. बांग्लादेशी सरकार इस बात की जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है कि यह सच में आईएसआई ने विद्रोह में हस्तक्षेप किया है.