Bangladesh Violence: कौन है अब्दुल्ला अल जाबेर जिसने दिया यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम

Bangladesh Violence: हादी हत्या मामले में इंकलाब मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए जनाजे के बाद शाहबाग में प्रदर्शन का आह्वान किया.

Bangladesh Violence: हादी हत्या मामले में इंकलाब मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए जनाजे के बाद शाहबाग में प्रदर्शन का आह्वान किया.

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Yashodhan Sharma
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Ultimatum to Mohammad Yunus government

Ultimatum to Yunus government

Bangladesh: ढाका में इंकलाब मंच से जुड़े छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता उस्मान हादी की हत्या को लेकर सियासी और सामाजिक हलचल तेज हो गई है. इंकलाब मंच के सदस्य सचिव और प्रमुख छात्र नेता अब्दुल्ला अल जाबेर ने सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोलते हुए समर्थकों से जनाजे के बाद शाहबाग पहुंचकर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. जाबेर ने साफ शब्दों में कहा कि यह सिर्फ शोक जताने का समय नहीं है, बल्कि न्याय की लड़ाई का वक्त है.

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आंदोलन की दी चेतावनी

अब्दुल्ला अल जाबेर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'हम यहां मातम मनाने नहीं आए हैं. हम अपने भाई हादी के लिए इंसाफ मांगने आए हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या को एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जो कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है. जाबेर ने इसे प्रशासन की नाकामी बताया और कहा कि अगर सरकार अब भी चुप रही, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.

कौन है अब्दुल्ला अल जाबेर

इंकलाब मंच बांग्लादेश में सक्रिय सामाजिक संगठन है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों, अभिव्यक्ति की आज़ादी और कथित सरकारी दमन के खिलाफ आवाज उठाता रहा है. अब्दुल्ला अल जाबेर इसी मंच के उभरते चेहरे माने जाते हैं. छात्र राजनीति से निकले जाबेर लगातार सरकार की नीतियों और पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते रहे हैं. हादी भी इंकलाब मंच से जुड़ा सक्रिय कार्यकर्ता था, जिसकी हत्या ने संगठन और उसके समर्थकों को झकझोर कर रख दिया है.

सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

जाबेर ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए मांग की है कि सरकार सार्वजनिक रूप से बताए कि हादी की हत्या के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं और अब तक उन्हें पकड़ने के लिए क्या-क्या ठोस कदम उठाए गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तय समय में जवाब नहीं मिला, तो शाहबाग से शुरू होने वाला प्रदर्शन पूरे देश में फैल सकता है.

प्रशासन की क्या रही प्रतिक्रिया

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाहबाग बांग्लादेश की राजनीति में हमेशा से प्रतीकात्मक महत्व रखता रहा है. ऐसे में वहां प्रदर्शन का आह्वान सरकार के लिए नई चुनौती बन सकता है. फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस अल्टीमेटम पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन हालात को देखते हुए राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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