हिंदूओं के घर पर आगजनी के आरोपियों की सूचना देने पर इनाम, बांग्लादेश पुलिस का ऐलान

बांग्लादेश के चट्टोग्राम क्षेत्र में हिंदू परिवारों के घरों को निशाना बनाकर की गई आगजनी की घटनाओं के बाद पुलिस ने आरोपियों की सूचना देने पर इनाम घोषित किया है. बीते दिनों में बढ़ती भीड़ हिंसा ने देश की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

बांग्लादेश के चट्टोग्राम क्षेत्र में हिंदू परिवारों के घरों को निशाना बनाकर की गई आगजनी की घटनाओं के बाद पुलिस ने आरोपियों की सूचना देने पर इनाम घोषित किया है. बीते दिनों में बढ़ती भीड़ हिंसा ने देश की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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Ravi Prashant
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bangladesh Photograph: (social media)

बांग्लादेश में बदले हुए राजनीतिक हालात के बीच भीड़ हिंसा एक गंभीर संकट के रूप में उभरी है. दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चट्टोग्राम के बाहरी इलाके राउजान में हिंदू परिवार के एक घर को आग के हवाले किए जाने के बाद पुलिस ने आरोपियों की सूचना देने पर इनाम की घोषणा की है. चट्टोग्राम रेंज के पुलिस प्रमुख अहसान हबीब ने बुधवार रात जले हुए घर का दौरा करते हुए यह घोषणा की, हालांकि इनाम की राशि स्पष्ट नहीं की गई.

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कैसे हुई आगजनी की घटना?

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मंगलवार देर रात अज्ञात हमलावरों ने कतर में काम करने वाले प्रवासी श्रमिक शुख शिल और अनिल शिल के घर में आग लगा दी. घर में मौजूद लोग आग की गर्मी महसूस होने पर जागे, लेकिन बाहर से दरवाजे बंद होने के कारण वे तुरंत बाहर नहीं निकल सके. दो परिवारों के आठ सदस्य टिन की चादरें और बांस की बाड़ काटकर किसी तरह जान बचाने में सफल रहे.

लगातार हमलों से दहशत

पुलिस के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में राउजान क्षेत्र में हिंदू परिवारों के सात घरों को तीन अलग-अलग इलाकों में आग के हवाले किया गया. इन घटनाओं के बाद पुलिस ने पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सुरक्षा टीम का गठन भी किया गया है.

प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया

राउजान पुलिस स्टेशन के प्रभारी साजेदुल इस्लाम ने बताया कि स्थानीय प्रभावशाली लोगों के साथ बैठक कर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और अपराधियों के खिलाफ सामाजिक निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस तरह के जघन्य अपराधों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

देशभर में भीड़ हिंसा की घटनाएं

इन घटनाओं से पहले मध्य मयमनसिंह में एक हिंदू फैक्ट्री मजदूर दीपु चंद्र दास की कथित तौर पर धर्म के अपमान के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पीड़ित परिवार को सहायता का आश्वासन दिया है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.

अंतरराष्ट्रीय चिंता और आलोचना

बढ़ती हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष मुकदमे की मांग की है. मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सालिश केंद्र के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक देश में भीड़ हिंसा में 184 लोगों की मौत हो चुकी है.

विश्लेषकों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाए जाने के बाद पैदा हुए राजनीतिक शून्य ने कट्टरपंथी ताकतों को उभरने का अवसर दिया है. अंतरिम सरकार ने स्पष्ट किया है कि अफवाहों या मतभेदों के नाम पर हिंसा को किसी भी स्थिति में जायज नहीं ठहराया जा सकता.

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