Advertisment

Bangladesh: इन दोनों संगठनों ने कर दिया बड़ा खेला, बांग्लादेश का बदल गया नाम, जानें कैसे होगी पहचान

जमात-ए-इस्लामी है और हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश ने नया बांग्लिस्तान को ग्रेटर बांग्लादेश बना दिया है. दोनों कट्टरवादी संगठनों की चाहत है कि अफगानिस्तान की तरह इस देश में शरिया कानून लागू हो.

author-image
Prashant Jha
New Update
bangladesh 1
Advertisment

  Bangladesh jamat Islam want to create banglistan greater bangladesh: पिछले एक महीने से अस्थिरता झेल रहा बांग्लादेश अभी तक शांत नहीं हुआ है.  अंतरिम सरकार के गठन से तो देश के कट्टरवादी संगठनों ने सर उठा लिया है.  शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद तो जमात-ए-इस्लामी है और हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश ने एक अलग ही रास्ता अपना लिया है.  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये दोनों संगठन नया बांग्लिस्तान बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. सोशल मीडिया पर इसकी कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं. इसमें भारत के पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और म्यांमार तक भाग को शामिल किया गया है.  ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या बांग्लादेश दो फाड़ में हो जाएगा. 1971 में पाकिस्तान से अलग हुआ बांग्लादेश दो हिस्सों में बंट जाएगा. क्योंकि कट्टरवादी संगठनों का इशारा तो इसी ओर कर रहा है. जब से देश में तख्तापलट हुआ है तब से ये संगठन अलग बांग्लादेश बनाने का प्लान तैयार करने लगे हैं.  दोनों संगठन बांग्लादेश में हिंसा फैलाने और भारत विरोधी एजेंडे के लिए जाने जाते हैं.  हालांकि, इस पर अभी अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अब शांति की ओर बढ़ रहा है.  

बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने की फिराक में कट्टरवादी संगठन

वहीं, बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठनों के सिर उठाने की जानकारी खुफिया एजेंसियों तक पहुंच चुकी है. खुफिया एजेंसियों को इस संबंध में इनपुट भी मिले हैं. दोनों कट्टरवादी संगठन चाह रहे हैं कि अब बांग्लादेश को बांग्लिस्तान बनाकर शरिया कानून लागू करना है. इस दावे को तब और बल मिल गया जब इसकी जिम्मेदारी एक कट्टरवादी नेता को सौंप दी गई. क्योंकि बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री की जिम्मेदारी अबुल फैयाज खालिद हुसैन को मिली है. खालिद हुसैन खुद ही कट्टरवादी मौलाना हैं. अब वह इस एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है.

 ग्रेटर बांग्लादेश दिया गया नाम

धार्मिक मामलों के मंत्री अबुल फैयाज खालिद हुसैन की पहचान कट्टरवादी नेता के रूप में होती है. पूर्व में खालिद हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्‍लादेश से भी जुड़े रहे हैं.  ये संगठन कई मौकों पर कट्टरपंथी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश अफगानिस्तान के तौर पर अलग से देश बनाकर शरिया कानून लागू करने के पक्ष में है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बांग्लिस्तान के इस एजेंडे को ग्रेटर बांग्लादेश का नाम मिला है.

बांग्लादेश में अस्थिरता पैदा करके खालिद हुसैन अपने एक नापाक मंसूबे को पूरा करना चाहता है. खालिद अब धार्मिक मामलों का मंत्री बन चुका है और वह अंतरिम सरकार पर दबाव बना रहा है कि उसके लोगों को जेल से रिहा किया जाए. ताकि भारत विरोधी गतिविधियों और बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल कायम किया जाए. 

awami league bangladesh news nation news nation live tv Bangladesh Crisis Update Bangladesh Bangladesh Crisis News news nation news
Advertisment
Advertisment
Advertisment