ना चीन और ना पाकिस्तान...Bangladesh में इस देश के इशारे पर खून-खराबा, शेख हसीना किया खुलासा

शेख हसीना ने संदेश में बताया कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, जिससे उन्हें जुलूस ना देखना पड़े. शेख हसीना के संदेश में कहा गया मैंने इस्तीफा दे दिया ताकि मुझे लाशों का जुलूस ना देखना पड़े.

शेख हसीना ने संदेश में बताया कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, जिससे उन्हें जुलूस ना देखना पड़े. शेख हसीना के संदेश में कहा गया मैंने इस्तीफा दे दिया ताकि मुझे लाशों का जुलूस ना देखना पड़े.

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Mohit Sharma
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Bangladesh Crisis Sheikh Hasina

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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना तख्ता पलट होने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई. वहीं इस्तीफा देने के कई दिनों बाद पहली बार शेख हसीना ने उन्हें सत्ता से हटाने की बड़ी साजिश बताया है. शेख हसीना ने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सेंट मार्टिन द्वीप नहीं देने के कारण ही अमेरिका ने उन्हें सत्ता से हटाने का प्लान बनाया. शेख हसीना का कहना है कि इस द्वीप के मिलने से अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर प्रभाव जमाने में मदद मिल सकती थी.

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वो लोग छात्रों की लाशों पर सत्ता हासिल करना चाहते थे

हसीना ने अपने देश के लोगों को आगाह किया और कहा कि आप सब कट्टरपंथियों के बहकावे में ना आएं. शेख हसीना ने कहा कि वो लोग छात्रों की लाशों पर सत्ता हासिल करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा देकर ऐसी नौबत नहीं आने दी. बांग्लादेश में राजनीतिक हालात काफी ज्यादा खराब हैं. 5 अगस्त को छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हुआ था. ये लोग सरकारी नौकरी में विवादास्पद कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग कर रहे थे. इसके बाद बढ़ती हिंसा से डरकर शेख हसीना मिलिट्री एयरक्राफ्ट में सवार होकर भारत पहुंच गईं. फिलहाल वह भारत में ही मौजूद हैं.

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मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चुनी गई

बांग्लादेश में नोबल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चुनी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों के जरिए भेजे गए संदेश में यह बात कही है. शेख हसीना ने संदेश में बताया कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, जिससे उन्हें जुलूस ना देखना पड़े. शेख हसीना के संदेश में कहा गया मैंने इस्तीफा दे दिया ताकि मुझे लाशों का जुलूस ना देखना पड़े. वह छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया. मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मैं सत्ता में बनी रह सकती थी, अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभुत्व कायम करने दिया होता. मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं कृपया कटर पंथिया के बहकावे में ना आएं.

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ईसाई राज्य बनाने की साजिश का आरोप लगाया था

गौरतलब है कि मई में हसीना ने बांग्लादेश और म्यानमार के कुछ हिस्सों को विभाजित करके पूर्वी तिमोर की तरह एक ईसाई राज्य बनाने की साजिश का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया कि अगर वह किसी विदेशी देश को बांग्लादेश में एयरबेस स्थापित करने की अनुमति देती हैं तो उन्हें बेहद आसानी से एक बार फिर पीएम चुन लिया जाएगा. हालांकि उन्होंने उस वक्त देश का नाम नहीं बताया था. शेख हसीना ने अपने बयान में कहा कि अगर वह देश में रुकी होती तो ज्यादा मौतें हो जाती. इतना ही नहीं प्रदर्शन भी काफी उग्र होता और उससे नुकसान भी काफी होता. उन्होंने बांग्लादेश वासियों से कहा कि मैं आपकी लीडर बनी क्योंकि आपने मुझे चुना था. बता दें कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. इसके चलते अभी तक वहां पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 हो चुकी है. हसीना ने कहा कि उनके शब्दों का गलत इस्तेमाल करके छात्रों को भड़काया गया. 

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