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नेपाल प्रोटेस्ट? Photograph: (NN)
नेपाल में हालात लगातार बदल रहे हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता गहरा गई है. इसी बीच राजधानी काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह का नाम नए प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर तेजी से उभर रहा है. शाह युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं और मौजूदा आंदोलन में उनका समर्थन निर्णायक माना जा रहा है.
इंजीनियर, रैपर और बने नेता
बालेंद्र शाह, जिन्हें लोग बालेन के नाम से जानते हैं, पारंपरिक नेताओं से बिल्कुल अलग छवि रखते हैं. उनकी शुरुआत एक सिविल इंजीनियर के रूप में हुई, फिर उन्होंने रैपर के तौर पर अपनी पहचान बनाई और इसके बाद राजनीति में कदम रखा. 2022 में काठमांडू के मेयर बने शाह ने युवाओं के बीच भरोसेमंद चेहरा बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया.
क्या अमेरिका है इसके पीछे?
दिसंबर 2022 की एक तस्वीर भी अब चर्चा में है, जिसमें शाह नेपाल में अमेरिकी राजदूत डीन आर. थॉम्पसन से मुलाकात करते नजर आए थे. उस वक्त थॉम्पसन ने काठमांडू और अमेरिका के शहरों के बीच सहयोगी रिश्तों पर जोर दिया था. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मुलाकात को सीधे तख्तापलट से जोड़ना जल्दबाजी होगी. लेकिन हालात को देखकर बांग्लादेश की राजनीति से तुलना की जा रही है, जहां शेख हसीना के जाने के बाद अमेरिका-समर्थित मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख बने.
शाह नेपाल में हैं काफी पॉपुलर
नेपाल में मौजूदा आंदोलन की कमान ज्यादातर युवा वर्ग के हाथ में है और शाह ने इसे खुला समर्थन दिया है. यही वजह है कि प्रदर्शनकारी उन्हें अपना नेता और संभावित प्रधानमंत्री मान रहे हैं. लोकल मीडिया के अनुसार, शाह की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टाइम मैगजीन ने उन्हें 2023 की 100 प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल किया. न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित अखबार भी उन पर विशेष रिपोर्ट छाप चुके हैं.
शाह बन जाते हैं ट्रेंड
सोशल मीडिया पर भी शाह का जबरदस्त प्रभाव है. उनके पोस्ट अक्सर देशभर में बहस छेड़ देते हैं और तेजी से ट्रेंड करने लगते हैं. उनकी जीवनशैली, पहनावा और बोलचाल युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गए हैं. यही कारण है कि नेपाल के मौजूदा सत्ता संकट के बीच बालेंद्र शाह को एक नए चेहरे के रूप में देखा जा रहा है.
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