'भारत की ओर से हमले की स्थिति में मिलकर देंगे जवाब', बोले-पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा करता है तो सऊदी अरब उसकी रक्षा में खड़ा होगा.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा करता है तो सऊदी अरब उसकी रक्षा में खड़ा होगा.

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Ravi Prashant
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ख्वाजा आसिफ Photograph: (SM)

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को साफ कहा कि अगर भारत पाकिस्तान पर युद्ध घोषित करता है तो सऊदी अरब उसके बचाव में खड़ा होगा. उन्होंने इस हफ्ते रियाद में हुए पाकिस्तान-सऊदी रक्षा समझौते का हवाला देते हुए इसे नाटो की तर्ज़ पर “स्ट्रेटेजिक म्यूचुअल असिस्टेंस” यानी सामूहिक रक्षा व्यवस्था बताया.

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हम मिलकर जवाब देंगे

ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी चैनल जियो टीवी से बातचीत में कहा, “हां, बिल्कुल… इसमें कोई शक नहीं. अगर पाकिस्तान या सऊदी अरब पर हमला हुआ तो हम संयुक्त रूप से जवाब देंगे. यह समझौता पूरी तरह रक्षात्मक है, आक्रामक नहीं.”रॉयटर्स से बात करते हुए मंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान का इरादा किसी देश पर हमला करने का नहीं है, लेकिन अगर खतरा हुआ तो यह समझौता स्वतः सक्रिय होगा.

आसिफ बयान का काफी चर्चा

सबसे बड़ी चर्चा उस बयान को लेकर है जिसमें आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमता भी इस समझौते के तहत उपलब्ध होगी. हालांकि पाकिस्तान का आधिकारिक परमाणु सिद्धांत अब तक सिर्फ भारत के खिलाफ उपयोग तक सीमित माना जाता रहा है. एक वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने भी पुष्टि की कि यह करार सभी सैन्य साधनों को कवर करता है.

यह समझौता प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की हालिया रियाद यात्रा के दौरान हुआ. भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पाक-सऊदी के बीच लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था को औपचारिक रूप देता है और भारत इसके असर पर गौर कर रहा है.

एक्सपर्ट क्या कहते हैं? 

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता असल में रियाद की दौलत और इस्लामाबाद के परमाणु शस्त्रागार का मेल है. पाकिस्तान को आर्थिक सहारा और अरब देशों के साथ गठजोड़ की संभावना मिलेगी, वहीं सऊदी अरब के लिए यह न्यूक्लियर शील्ड साबित हो सकता है.

विश्लेषकों का कहना है कि इस करार पर अब न सिर्फ ईरान बल्कि इज़रायल की भी नज़र रहेगी, क्योंकि इज़रायल पश्चिम एशिया का इकलौता परमाणु हथियार संपन्न देश रहा है. आसिफ ने बड़े अरब गठबंधन पर पूछे गए सवाल का सीधा जवाब तो नहीं दिया, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि “दरवाज़े बंद नहीं हैं, मुस्लिम देशों को अपने क्षेत्र की सामूहिक रक्षा का अधिकार है.

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